नई दिल्ली:
चीन द्वारा दिए गए आश्वासन और स्वयं की गई पुष्टि की ओर ध्यान दिलाते हुए सरकार ने गुरुवार को कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी के जलमार्ग की दिशा को बदला नहीं जा रहा है। इस नदी के जलमार्ग की दिशा बदले जाने के बारे में आशंकाएं जताई जा रही थी। सरकार ने यह भी कहा कि सीमा पार की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने यह आश्वासन उस समय दिया जब असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने उनसे मुलाकात की। गोगोई ने उनसे अनुरोध किया कि वह चीन की कथित योजना के बारे में उनके राज्य की चिंताओं से पड़ोसी देश को अवगत कराएँ। कृष्णा ने कहा, मैं पहले भी कह चुका हूं और अब फिर दोहराना चाहता हूं कि हम अपने उपग्रह चित्रों तथा चीनी अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के जरिए घटनाक्रम पर निगरानी रख रहे हैं। उन्होंने कहा, चीनी अधिकारियों ने हमें सूचित किया है कि यह नदी जल पर आधारित पन बिजली परियोजना है। उसमें कोई जलाशय नहीं होगा। परिणामस्वरूप जलमार्ग परिवर्तन या जल के संचयन का कोई सवाल हीं नहीं उठता। विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार ने परियोजना के बारे में अपने स्तर पर भी पुष्टि की है। ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत के जरिए भारत में प्रवेश करती है। इसे असम की जीवनरेखा माना जाता है।
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