अमेरिका में पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ
वाशिंगटन:
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत पर अपने हमले जारी रखते हुए चेतावनी दी है कि भारत के आयुध भंडार और खतरनाक सैन्य सिद्धांत रखने की स्थिति में पाकिस्तान को विश्वसनीय प्रतिरोधी उपाय अपनाने पड़ेंगे।
शरीफ ने अमेरिकी कांग्रेस के एक शीर्ष थिंक टैंक यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (यूएसआईपी) से कहा, ‘‘भारत, वार्ता से इनकार करके, बड़े पैमाने पर हथियार बढ़ाने में लगा हुआ है, अफसोस है कि यह कई सक्रिय शक्तियों के सहयोग से हो रहा है। इसने कई खतरनाक सैन्य सिद्धांत अपनाए हैं। यह पाकिस्तान को विश्वनीय प्रतिरोध रखने के लिए कई जवाबी उपाय करने के लिए मजबूर करेगा।’’
सत्ता में आने पर रिश्ते बेहतर करने का प्रयास किया
शरीफ ने दावा किया कि ढाई साल पहले सत्ता में आने के बाद भारत के साथ संबंधों को बेहतर करने के लिए उन्होंने कई गंभीर कोशिशें की हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने नई दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने का उनका (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का) न्योता स्वीकार किया था।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इससे बनी गति उस वक्त थम गई जब भारत ने मामूली कारणों को लेकर एनएसए स्तर की वार्ता रद्द कर दी।
भारत वार्ता को आतंकवाद पर संकुचित कर रहा है
शरीफ ने अपने संबोधन में भारत पर उफा में भारतीय पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद वार्ता को मात्र एक आतंकवाद के मुद्दे पर संकुचित करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि एनएसए स्तर की वार्ता रद्द होने के बाद नियंत्रण रेखा और वर्किंग बाउंड्री पर भारत की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन बढ़ गया और भारतीय राजनीतिक एवं सैन्य नेतृत्व की द्वेषपूर्ण बयानबाजी में तेजी आ गई।
एनएसए वार्ता भारत ने आखिरी क्षणों में रद्द की
नई दिल्ली में पिछले साल 23 अगस्त को होने वाली एनएसए स्तर की वार्ता आखिरी क्षणों में रद्द कर दी गई थी। भारत ने अलगावादियों के साथ बैठक को अस्वीकार्य बताया था। शरीफ ने कहा कि हिंदू चरमपंथी संगठनों द्वारा भारत में पाकिस्तान विरोधी गतिविधियों ने क्षेत्र में मौजूदा स्थिति को तनावपूर्ण किया है। वह संभवत: शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा भारत में पाकिस्तानियों को निशाना बनाए जाने का हवाला दे रहे थे। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई में बीसीसीआई मुख्यालय पर धावा बोला था और दोनों देशों के क्रिकेट प्रमुखों की बैठक रद्द करने के लिए मजबूर कर दिया था। इससे पहले उन्होंने मशहूर पाकिस्तानी गायक गुलाम अली के मुंबई में एक कार्यक्रम के आयोजकों को धमकी देकर उसे रद्द करने के लिए मजबूर किया था।
भारत का जवाब सकारात्मक नहीं
शरीफ ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में चार सूत्री एजेंडा के तौर पर शांति की एक नई पहल के लिए प्रस्ताव किया है। दुर्भाग्य से भारत का जवाब सकारात्मक नहीं है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 30 सितंबर को चार सूत्री शांति प्रस्ताव की पेशकश की थी, जिसमें कश्मीर से सेना हटाना और सियाचिन से बिनाशर्त सैनिकों की वापसी शामिल है। हालांकि भारत ने कहा था कि कश्मीर से सेना हटाना शांति हासिल करने के लिए जवाब नहीं है।
शरीफ ने आज के संबोधन में यह भी कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच एक सामान्य और स्थिर संबंध संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुपालन से बन सकता है खासतौर पर संप्रभुता के सिद्धांत, राज्यों की समानता और अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी नहीं करना तथा लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार देकर। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लिए जम्मू कश्मीर के मूल मुद्दे सहित सभी लंबित विषयों के लिए एक व्यापक वार्ता बहाल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
ओबामा के साथ मुलाकात में कश्मीर मुद्दा उठाया
शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ वार्ता के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया। दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान में भारत पाक के बीच कश्मीर सहित सभी मुद्दों के हल के लिए एक सतत और लचीले रुख वाली वार्ता प्रक्रिया की अपील की।
हालांकि, अमेरिका ने दोनों देशों के संयुक्त रूप से नहीं कहे जाने तक भारत-पाक शांति वार्ता में अपनी किसी भूमिका से दृढ़ता से इनकार कर दिया। शरीफ ने अमेरिकी रुख से सहमत नहीं होते हुए भारत-पाक संबंधों को सामान्य करने के लिए आज फिर उसके हस्तक्षेप की अपील की।
शरीफ ने अमेरिकी कांग्रेस के एक शीर्ष थिंक टैंक यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (यूएसआईपी) से कहा, ‘‘भारत, वार्ता से इनकार करके, बड़े पैमाने पर हथियार बढ़ाने में लगा हुआ है, अफसोस है कि यह कई सक्रिय शक्तियों के सहयोग से हो रहा है। इसने कई खतरनाक सैन्य सिद्धांत अपनाए हैं। यह पाकिस्तान को विश्वनीय प्रतिरोध रखने के लिए कई जवाबी उपाय करने के लिए मजबूर करेगा।’’
सत्ता में आने पर रिश्ते बेहतर करने का प्रयास किया
शरीफ ने दावा किया कि ढाई साल पहले सत्ता में आने के बाद भारत के साथ संबंधों को बेहतर करने के लिए उन्होंने कई गंभीर कोशिशें की हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने नई दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने का उनका (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का) न्योता स्वीकार किया था।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इससे बनी गति उस वक्त थम गई जब भारत ने मामूली कारणों को लेकर एनएसए स्तर की वार्ता रद्द कर दी।
भारत वार्ता को आतंकवाद पर संकुचित कर रहा है
शरीफ ने अपने संबोधन में भारत पर उफा में भारतीय पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद वार्ता को मात्र एक आतंकवाद के मुद्दे पर संकुचित करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि एनएसए स्तर की वार्ता रद्द होने के बाद नियंत्रण रेखा और वर्किंग बाउंड्री पर भारत की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन बढ़ गया और भारतीय राजनीतिक एवं सैन्य नेतृत्व की द्वेषपूर्ण बयानबाजी में तेजी आ गई।
एनएसए वार्ता भारत ने आखिरी क्षणों में रद्द की
नई दिल्ली में पिछले साल 23 अगस्त को होने वाली एनएसए स्तर की वार्ता आखिरी क्षणों में रद्द कर दी गई थी। भारत ने अलगावादियों के साथ बैठक को अस्वीकार्य बताया था। शरीफ ने कहा कि हिंदू चरमपंथी संगठनों द्वारा भारत में पाकिस्तान विरोधी गतिविधियों ने क्षेत्र में मौजूदा स्थिति को तनावपूर्ण किया है। वह संभवत: शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा भारत में पाकिस्तानियों को निशाना बनाए जाने का हवाला दे रहे थे। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई में बीसीसीआई मुख्यालय पर धावा बोला था और दोनों देशों के क्रिकेट प्रमुखों की बैठक रद्द करने के लिए मजबूर कर दिया था। इससे पहले उन्होंने मशहूर पाकिस्तानी गायक गुलाम अली के मुंबई में एक कार्यक्रम के आयोजकों को धमकी देकर उसे रद्द करने के लिए मजबूर किया था।
भारत का जवाब सकारात्मक नहीं
शरीफ ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में चार सूत्री एजेंडा के तौर पर शांति की एक नई पहल के लिए प्रस्ताव किया है। दुर्भाग्य से भारत का जवाब सकारात्मक नहीं है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 30 सितंबर को चार सूत्री शांति प्रस्ताव की पेशकश की थी, जिसमें कश्मीर से सेना हटाना और सियाचिन से बिनाशर्त सैनिकों की वापसी शामिल है। हालांकि भारत ने कहा था कि कश्मीर से सेना हटाना शांति हासिल करने के लिए जवाब नहीं है।
शरीफ ने आज के संबोधन में यह भी कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच एक सामान्य और स्थिर संबंध संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुपालन से बन सकता है खासतौर पर संप्रभुता के सिद्धांत, राज्यों की समानता और अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी नहीं करना तथा लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार देकर। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लिए जम्मू कश्मीर के मूल मुद्दे सहित सभी लंबित विषयों के लिए एक व्यापक वार्ता बहाल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
ओबामा के साथ मुलाकात में कश्मीर मुद्दा उठाया
शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ वार्ता के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया। दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान में भारत पाक के बीच कश्मीर सहित सभी मुद्दों के हल के लिए एक सतत और लचीले रुख वाली वार्ता प्रक्रिया की अपील की।
हालांकि, अमेरिका ने दोनों देशों के संयुक्त रूप से नहीं कहे जाने तक भारत-पाक शांति वार्ता में अपनी किसी भूमिका से दृढ़ता से इनकार कर दिया। शरीफ ने अमेरिकी रुख से सहमत नहीं होते हुए भारत-पाक संबंधों को सामान्य करने के लिए आज फिर उसके हस्तक्षेप की अपील की।
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