वाशिंगटन:
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि भारत-अमेरिका संबंध व्यापकता की दृष्टि से वैश्विक हैं और 21वीं सदी में व्यापक सुरक्षा तथा समृद्धि लाने के ओबामा प्रशासन के प्रयासों में भारत एक प्रमुख हिस्सा है।
सहायक रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने न्यूयॉर्क में एशिया सोसायटी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, व्यापकता और प्रभाव की दृष्टि से भारत-अमेरिका संबंध वैश्विक हैं। उन्होंने कहा, एशिया प्रशांत क्षेत्र में संतुलन बनाने तथा 21वीं सदी को व्यापक तौर पर सुरक्षित और समृद्ध बनाने के प्रयासों में भारत एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
कार्टर ने कहा, हमारे सुरक्षा हित साझा हैं। समुद्री सुरक्षा, हिन्द महासागर क्षेत्र, अफगानिस्तान और कई क्षेत्रीय मुद्दों पर हम व्यापक तौर पर हित साझा करते हैं। पेंटागन के अधिकारी ने कहा, मैं रक्षामंत्री लियोन पेनेटा के कहने पर एक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत गया था। हमारा मकसद अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग के लिए एक साझा नजरिया विकसित करने का था।
कार्टर ने कहा, भारत सरकार और उद्योग जगत के लोगों के साथ कई बैठकों के जरिए हमने कार्य व्यवस्था बनाने पर सहमति जताई। हमने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के साथ रणनीतिक संवाद किया। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि हमारे सहयोग की सिर्फ यही सीमा होना चाहिए कि हमारे रणनीतिक निर्णय स्वतंत्र हों। हम अपने रक्षा संगठनों के बीच संबंध प्रगाढ़ बना रहे हैं। कार्टर ने कहा, हम शुद्ध रूप से रक्षा व्यापार, प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान करने तथा सह-उत्पादन की ओर से बढ़ रहे हैं। हम अपने निजी उद्योगों की क्षमता का भी दोहन कर रहे हैं।
सहायक रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने न्यूयॉर्क में एशिया सोसायटी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, व्यापकता और प्रभाव की दृष्टि से भारत-अमेरिका संबंध वैश्विक हैं। उन्होंने कहा, एशिया प्रशांत क्षेत्र में संतुलन बनाने तथा 21वीं सदी को व्यापक तौर पर सुरक्षित और समृद्ध बनाने के प्रयासों में भारत एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
कार्टर ने कहा, हमारे सुरक्षा हित साझा हैं। समुद्री सुरक्षा, हिन्द महासागर क्षेत्र, अफगानिस्तान और कई क्षेत्रीय मुद्दों पर हम व्यापक तौर पर हित साझा करते हैं। पेंटागन के अधिकारी ने कहा, मैं रक्षामंत्री लियोन पेनेटा के कहने पर एक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत गया था। हमारा मकसद अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग के लिए एक साझा नजरिया विकसित करने का था।
कार्टर ने कहा, भारत सरकार और उद्योग जगत के लोगों के साथ कई बैठकों के जरिए हमने कार्य व्यवस्था बनाने पर सहमति जताई। हमने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के साथ रणनीतिक संवाद किया। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि हमारे सहयोग की सिर्फ यही सीमा होना चाहिए कि हमारे रणनीतिक निर्णय स्वतंत्र हों। हम अपने रक्षा संगठनों के बीच संबंध प्रगाढ़ बना रहे हैं। कार्टर ने कहा, हम शुद्ध रूप से रक्षा व्यापार, प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान करने तथा सह-उत्पादन की ओर से बढ़ रहे हैं। हम अपने निजी उद्योगों की क्षमता का भी दोहन कर रहे हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं