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This Article is From Sep 22, 2024

क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देंगे भारत और अमेरिका

भारत और अमेरिका में क्लीन एनर्जी को लेकर एक साथ आगे बढ़ने की पहल का भारत पर बेहद सकारात्मक असर दिखेगा. इससे भारत के घरेलू स्वच्छ ऊर्जा सप्लाई चेन निर्माण को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.

भारत और अमेरिका क्लीन एनर्जी पर एक साथ करेंगे काम

नई दिल्ली:

क्वाड शिखर सम्मेलन में तमाम मुद्दों के साथ-साथ जिस एक मुद्दे पर खासतौर पर बात की गई, वो था क्लीन एनर्जी.इस मुद्दे पर शिखर सम्मेलन से इतर भारत और अमेरिका के बीच भी बात हुई. दोनों देशों ने इस क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ावा देने पर जोर दिया है. व्हाइट हाउस ने कहा कि साझेदारी के तहत अमेरिका और भारत अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) के जरिए एक बिलियन अमेरिकी डॉलर के नए मल्टीलेटरल फाइनेंस को अनलॉक करने के लिए काम कर रहे हैं. इसमें भारत की घरेलू स्वच्छ ऊर्जा सप्लाई चेन निर्माण को बढ़ावा देना शामिल है. यह फंडिंग सौर, पवन, बैटरी, एनर्जी ग्रिड सिस्टम, हाई एफिशिएंसी वाले एयर कंडीशनर और सीलिंग फैन सप्लाई चेन पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रमुख टेक्नालॉजी वर्टिकल के लिए विनिर्माण क्षमता के विस्तार में मददगार हो सकती है. 

इसके साथ-साथ ही व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका और भारत साझा राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा के मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिए स्थायी रूप से प्रतिबद्ध होने की भी बात की. व्हाइट हाउस ने कहा कि हमारे आर्थिक विकास एजेंडे के एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में हम क्लीन एनर्जी ट्रांजीशन के लाभ हासिल करने के लिए मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं. इसमें हमारी आबादी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियों का सृजन, वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग में तेजी लाना और वैश्विक जलवायु लक्ष्यों की प्राप्ति शामिल है.

इन उद्देश्यों के समर्थन में अमेरिका और भारत स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और घटकों के लिए पूरक अमेरिकी और भारतीय विनिर्माण क्षमता का विस्तार करने और अफ्रीका में साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करने के साथ तीसरे देशों में बढ़े हुए सहयोग के लिए आधार तैयार करने के लिए द्विपक्षीय तकनीकी, वित्तीय और नीतिगत समर्थन को बढ़ाने और विस्तारित करने का इरादा रखते हैं. 

भारत हिंद महासागर में प्रमुख शक्ति

सूत्रों के मुताबिक, क्वाड नेताओं ने हिंद महासागर में नेतृत्वकारी भूमिका के लिए प्रधानमंत्री मोदी और भारत की सराहना की. जापानी प्रधानमंत्री किशिदा ने पीएम मोदी की सराहना की और वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के आयोजन की उनकी पहल का समर्थन किया. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बानीस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत हिंद महासागर में प्रमुख शक्ति है. राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि अमेरिका को हिंद महासागर में भारत के अनुभव और नेतृत्व से सीखने की बहुत-सारी बातें हैं.

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