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This Article is From Mar 04, 2016

जिंदगी के आखिरी दिनों में ओसामा को थी इस बात की चिंता

जिंदगी के आखिरी दिनों में ओसामा को थी इस बात की चिंता
ओसामा बिन लादेन की फाइल फोटो
वाशिंगटन: अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में ओसामा बिन लादेन का अपने दो अंगरक्षकों से गंभीर विवाद था, जिसे लेकर उसे चिंता थी। दोनों अंगरक्षक भाई थे और बाहरी दुनिया से संपर्क के लिए ओबामा के लिए एकमात्र सहारा वही लोग थे।

यूएस ऑफिस ऑफ नेशनल इंटेलीजेंस द्वारा सार्वजनिक किए गए पत्रों के मुताबिक, अबू मुहम्मद और अबू खालिद नाम के दो भाई अलकायदा के लंबे समय से सदस्य थे, जिनका परिवार उत्तरी पाकिस्तान का रहने वाला था। इनका घर ऐबटाबाद से ज्यादा दूर नहीं था, जहां ओसामा छिपा हुआ था। ओसामा के दो मई 2011 को एक अमेरिकी अभियान में मारे जाने से पहले इन दोनों ने वह सबकुछ किया, जो वे कर सकते थे।

सीआईए द्वारा अपनी तलाश किए जाने से चिंतित ओसामा ने खुद को ऐबटाबाद में एक परिसर के अंदर कैद कर लिया था, जहां उसे ये दोनों भाई 2005 में ले गए थे। ओसामा अलकायदा और इससे जुड़े संगठनों पर किसी तरह का नियंत्रण रखने के लिए तथा रोजमर्रा की चीजों के लिए पूरी तरह से इन दोनों भाइयों पर निर्भर था।

सीएनएन की खबर के मुताबिक, लेकिन जनवरी 2011 तक, अपनी मौत से ठीक चार महीने पहले उसका इन दोनों भाइयों से गंभीर विवाद हो गया था। चीजें इतनी बिगड़ गई थी कि ओसामा इन भाइयों को पत्र लिखने का असामान्य कदम उठाने लगा, जबकि वे कुछ ही दूरी पर रह रहे थे।

गौरतलब है कि अमेरिकी अभियान में ओसामा के साथ उसके ये दोनों अंगरक्षक भाई मारे गए थे।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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