श्रीलंका (Sri Lanka) में सोमवार को हुई हिंसा में पांच लोग मारे गए और कम से कम 200 घायल हो गए. आर्थिक संकट के बाद सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (President Gotabaye Rajpakshe) से इस्तीफे की मांग कर रहे थे, जिसके चलते सरकार समर्थकों और प्रदर्शनकारियों बीच ताजा झड़प हुई. जैसे ही यह झगड़ा बढ़ा 22 मिलियन की आबादी वाले देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया और हिंसा को थामने के लिए सेना बुलानी पड़ी. लेकिन 9 अप्रेल से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी अब पूरे श्रीलंका में उग्र हो गए हैं. वहीं श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार को एक हेलीकॉप्टर में नौसेना बेस के लिए रवाना गया है. मामले की प्रत्यक्ष जानकारी वाले लोगों ने एनडीटीवी को ये जानकारी दी है. राजपक्षे के आवास पर सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने हिंसा की थी.
कोलंबो में सोमवार को सत्ताधारी पार्टी के सांसद अमरकीर्ती अथुकोराला ने अपनी गाड़ी का रास्ता रोक रहे प्रदर्शनकारियों पर गोली चला दी, जिससे 27 साल के लड़के की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए. पुलिस का कहा कहना है कि सांसद ने खुद अपनी जान ले ली. सांसद का बॉडीगार्ड भी मारा गया. लेकिन यह साफ नहीं है कि कैसे.
राजपक्षे के पैतृक गांव मेदा मुलाना में भीड़ ने विवादित राजपक्षे म्यूजियम पर हमला किया. इसे बनाने में आधा मिलियन डॉलर खर्च किए गए थे, इस पर हुए खर्चे में सरकारी पैसा लगने के मामले में एक कोर्ट का मुकदमा लंबित है.
गुस्साई सरकार-विरोधी प्रदर्शनकारी भीड़ ने गुस्साई सरकार विरोधी भीड़ ने प्रधानमंत्री आवास के पास की छिछली बीरा झील में दर्जनों सरकार समर्थकों को धक्का दे दिया. एक व्यक्ति ने कहा, " मैं इसलिए आया क्योंकि मुझे महिंदा से काम मिला था, उन्होंने बेहद प्रदूषित इस झील से बाहर निकलने की अनुमति दिए जाने के लिए मुझसे प्रार्थना की थी." सोमवार देर रात पुलिस ने दर्जनों व्यक्ति को उस आदमी के साथ झील से निकाल कर अस्पताल में भर्ती करवाया.
पुलिस ने उस आदमी समेत कई दर्जनों लोगों की जान बचाई लेकिन उन्हें सरकार विरोधियों द्वारा बुरी तरह मारा गया था. तीन पिक-अप ट्रकों को भी भीड़ ने झील में धक्का दे दिया, इसके साथ ही उस दो बसों को भी झील में धक्का दे दिया, जो राजपक्षे के विश्वासपात्रों ने प्रयोग की थीं.
महिंदा राजपक्षे के बच्चों के करीबी साथी के मालिकाना हक वाले एक होटल को भी आग लगा दी गई. इस होटल में एक खड़ी लैंबॉर्गिनी कार भी आग के हवाले कर दी गई. पुलिस का कहना है कि सभी विदेशी मेहमान सुरक्षित हैं. वहीं राजधानी कोलंबो में नेशनल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने झड़प में घायल सरकार समर्थकों को बचाने के लिए बीच-बचाव किया जो राजपक्षे परिवार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में घायल हो गए थे.
अस्पताल की इमरजेंसी यूनिट का रास्ता रोक रही भीड़ से एक डॉक्टर ने चिल्लाकर कहा- "वो शायद खूनी हो सकते हैं, लेकिन हमारे लिए मरीज हैं जिनका पहले इलाज किया जाना चाहिए."
कोलंबो के केवल नेशनल अस्पताल में 219 को दाखिल करवाया गया. इनमें से 5 का इंटेन्सिव केयर यूनिट में इलाज चल रहा है. अस्पताल प्रवक्ता पुष्पा सोयसा ने AFP को बताया. सरकारी कर्मचारियों को अस्पताल के भीतर ले जाने के लिए सैनिकों को अस्पताल के बाहर भीड़ द्वारा लगाया ताला बलपूर्वक तोड़ना पड़ा.
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