अगर मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न नहीं रुका तो इस्लामाबाद तक रैली निकालूंगा : इमरान खान

इमरान ने कहा, ‘‘अगर मौजूदा सरकार ने पीटीआई समर्थकों को निशाना बनाना नहीं बंद किया तो इस्लामाबाद तक आजादी आंदोलन किया जाएगा. मैं आज आपको (पीएमएल-एन नीत सरकार) को आगाह कर रहा हूं कि अगर आपने यह राजनीतिक उत्पीड़न जारी रखा तो हमारा न्याय आंदोलन इस्लामाबाद पहुंचेगा और आपको कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी.’’

अगर मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न नहीं रुका तो इस्लामाबाद तक रैली निकालूंगा : इमरान खान

इमरान खान ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को बनाया जा रहा निशाना

इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सरकार को आगाह किया है कि अगर उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का राजनीतिक उत्पीड़न जारी रहा तो वह इस्लामाबाद तक एक विशाल रैली निकालेंगे. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार ने शनिवार को बताया कि देश की सबसे घनी आबादी वाले पंजाब प्रांत के गुजरात में एक जनसभा को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा कि उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के कार्यकर्ताओं को तब से ही अनावश्यक रूप से निशाना बनाया जा रहा है, जब इस साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिये उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाया गया था.

इमरान ने कहा, ‘‘अगर मौजूदा सरकार ने पीटीआई समर्थकों को निशाना बनाना नहीं बंद किया तो इस्लामाबाद तक आजादी आंदोलन किया जाएगा. मैं आज आपको (पीएमएल-एन नीत सरकार) को आगाह कर रहा हूं कि अगर आपने यह राजनीतिक उत्पीड़न जारी रखा तो हमारा न्याय आंदोलन इस्लामाबाद पहुंचेगा और आपको कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी.'' इमरान ने अपने करीबी सहयोगी शहबाज गिल समेत पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं को राजद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार किए जाने के बाद से सरकार के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं.

पीटीआई के 69 वर्षीय अध्यक्ष ने गिल पर कथित बलपूर्वक कार्रवाई के लिए सरकार की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें नग्न और प्रताड़ित किया गया. इमरान ने कहा, ‘‘सरकार ने पत्रकार जमील फारूकी को भी प्रताड़ित किया. उन्हें नग्न होने के लिए मजबूर कर अपमानित किया गया. हलीम आदिल के खिलाफ भी कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं. उन्हें भी जेल में प्रताड़ित किया जा रहा है.'' पूर्व प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को दिए संबोधन में युवाओं से कहा कि उन्हें एक साथ मिलकर देश के न्यायिक तंत्र को बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए.

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इस बीच, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शुक्रवार को राजनीतिक दलों से विनाशकारी बाढ़ के कारण अपनी राजनीतिक गतिविधियों को रोकने का आग्रह करते हुए कहा कि राष्ट्रीय संस्थानों के भीतर विभाजन पैदा करने वाली बातें राष्ट्र हित में नहीं हैं. ‘डॉन' अखबार की खबर के मुताबिक, राष्ट्रपति ने सभी पक्षकारों से देश को एकजुट करने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने का भी आग्रह किया.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)