पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) से इतर ह्यूमन राइट्स वॉच प्रमुख केनेथ रोथ के साथ बैठक के दौरान भारत में जम्मू एवं कश्मीर से कर्फ्यू हटने पर नरसंहार का डर जताया. इमरान ने रोथ को बताया कि कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों ने लगभग 15,000 कश्मीरी युवाओं को कैद कर रखा है.
एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान ने कहा, "भारत अपने कब्जे वाले कश्मीर की जनसांख्यिकी बदलने की कोशिश कर रहा है, जिससे क्षेत्र में अभूतपूर्व मानवीय संकट का खतरा पैदा हो गया है."
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को भारत पर जम्मू एवं कश्मीर में स्थिति की निगरानी करने के लिए विदेशी पर्यवेक्षकों को प्रदेश में प्रवेश की अनुमति देने के लिए दवाब बनाने की अपील की.
खान ने कहा कि कश्मीर में भारत की 'दमनकारी और अवैध' कार्रवाई ना सिर्फ क्षेत्र बल्कि समूचे मुस्लिम समुदाय के लिए भी प्रतिघात है.
उन्होंने जोर देकर कहा, "दुनिया को एहसास नहीं है कि हम एक बड़ी तबाही की ओर बढ़ रहे हैं."
इमरान खान ने यह भी कहा कि समूचे कश्मीर में सातवें सप्ताह भी प्रतिबंध लागू होने के कारण वे संयुक्त राष्ट्र से मदद का आग्रह करेंगे.
उन्होंने कहा, "उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि यह बहुत गलत हो सकता है."
उन्होंने कहा, "अगर संयुक्त राष्ट्र इस पर नहीं बोलेगा, तो कौन बोलेगा?"
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं