अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान के साथ न्यूक्लियर डील करना चाहते हैं, लेकिन अपनी शर्त पर और मामला यहीं फंसता दिख रहा है. दोनों देशों के बीच न्यूक्लियर डील पर अप्रत्यक्ष वार्ता स्थगित होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ फिर से धमकी देते हुए कहा है कि जो भी देश या व्यक्ति ईरान से तेल या पेट्रोकेमिकल खरीदेगा, उसे तत्काल अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा.
ट्रंप ने गुरुवार, 1 मई को अपने खुद के सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ट्रूथ पर लिखा, "ईरानी तेल या पेट्रोकेमिकल उत्पादों की सभी खरीद अब बंद होनी चाहिए! कोई भी देश या व्यक्ति जो ईरान से किसी भी मात्रा में तेल या पेट्रोकेमिकल खरीदता है, उस पर तुरंत द्वितीयक प्रतिबंध (सेकेंडरी सैंक्शन) लगाए जाएंगे."
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बघई के गुरुवार को बताया कि रोम में शनिवार को होने वाली ईरान और अमेरिका के बीच चौथे दौर की अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता को मध्यस्थ ओमान के प्रस्ताव पर स्थगित कर दिया गया है. इसके बाद ही ट्रंप की यह चेतावनी आई और लगता है कि वह ईरान पर वार्ता पर वापस लैटने के लिए दबाव बना रहे हैं. एस्माईल बघई ने देश के "वैध और कानूनी" हितों की रक्षा के लिए और ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों और आर्थिक दबाव को समाप्त करने के लिए कूटनीति का उपयोग करने के ईरान के दृढ़ संकल्प की पुष्टि की.
दरअसल जहां वार्ता होनी थी, यानी रोम, वहां पोप फ्रांसिस की मृत्यु के बाद नए पोप को चुनने के लिए वेटिकन अगले सप्ताह अपना सम्मेलन शुरू करेगा. अमेरिका-ईरान वार्ता के दो अन्य दौर ओमान की राजधानी मस्कट में हो चुके हैं.
ट्रंप बना रहे हर तरह का दबाव
वार्ता में ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को सीमित करने की मांग की गई है. इसके बदले में अमेरिका ईरान पर लगाए गए कुछ आर्थिक प्रतिबंधों को हटाएगा. वार्ता का नेतृत्व ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची और अमेरिकी मध्यपूर्व दूत स्टीव विटकॉफ ने किया है.
ट्रंप ने बार-बार धमकी दी है कि अगर समझौता नहीं हुआ तो ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को निशाना बनाकर हवाई हमले किए जाएंगे. वहीं ईरानी अधिकारी चेतावनी दे रहे हैं कि वे हथियार-ग्रेड स्तर के करीब समृद्ध (एनरिच्ड) यूरेनियम के भंडार के साथ न्यूक्लियर हथियार बनाने का प्रयास कर सकते हैं.
गौरतलब है कि विश्व शक्तियों ने मिलकर ईरान के साथ 2015 में न्यूक्लियर डील किया और इस तरह से तेहरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को सीमित कर दिया गया. हालांकि, ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में 2018 में एकतरफा तरीके से अमेरिका को इससे पीछे हटा लिया.
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