"यदि ईरान सीधे तौर पर शामिल हुआ तो...:" गाजा युद्ध को लेकर एक्सपर्ट ने दी चेतावनी

Israel-Gaza War: विशेषज्ञ ने NDTV से कहा कि अगर ईरान सीधे युद्ध में शामिल होता है तो यह युद्ध कहीं अधिक व्यापक हो जाएगा और इसके साथ मध्य पूर्व में कहीं अधिक विनाशकारी संघर्ष शुरू हो सकता है.

Israel-Gaza War: इयान ब्रेमर ने कहा है कि इजराइल के गाजा पर जमीनी हमले का रुकना असंभव है.

नई दिल्ली :

Israel-Palestine conflict: इजरायल और गाजा के बीच चल रहे युद्ध में और अधिक मोर्चे खुलने से हालात अधिक खराब होने की आशंका है. प्रसिद्ध पॉलिटिकल साइंटिस्ट और यूरेशिया ग्रुप के फाउंडर इयान ब्रेमर ने आज यह बात कही. इयान ब्रेमर ने NDTV से एक खास इंटरव्यू में कहा कि अगर ईरान सीधे युद्ध में शामिल होता है तो यह युद्ध कहीं अधिक व्यापक हो जाएगा और इसके साथ मध्य पूर्व में कहीं अधिक विनाशकारी संघर्ष शुरू हो सकता है.

ब्रेमर ने कहा कि, "यह बहुत संभव है कि हिजबुल्लाह सीधे लड़ाई में शामिल हो सकता है. वह सैन्य रूप से कहीं अधिक सक्षम है और उसको ईरान का समर्थन हासिल है."

उन्होंने कहा कि गाजा पर इजरायल के जमीनी हमले, जो कि रुकना असंभव है, के दुनिया पर बड़े पैमाने पर असर होंगे. उन्होंने कहा कि, "एक जमीनी युद्ध होने जा रहा है. यह कई कारणों से एक बुरा विचार है. इसमें भारी संख्या में फिलिस्तीनी नागरिक मारे जाएंगे. यह कम समय में या फिलिस्तीनियों को वहां से निकालने में मदद के बिना किया जाएगा. इससे दुनिया  में चारों ओर प्रतिक्रियाएं होंगी." 

संघर्ष गाजा के भीतर तक ही सीमित नहीं

क्या इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के क्षेत्रीय स्तर पर फैलने की आशंका है? इस सवाल पर ब्रेमर ने कहा कि, यह तीसरा विश्व युद्ध नहीं है, लेकिन यह विचार कि यह गाजा के भीतर तक ही सीमित है, "बहुत अधिक काल्पनिक" है.

ब्रेमर ने कहा कि, "यह थर्ड वर्ल्ड वार नहीं है. रूस और चीन इस युद्ध में सीधे तौर पर शामिल नहीं होंगे. लेकिन यह विचार कि यह गाजा के भीतर तक ही सीमित रहेगा, बहुत काल्पनिक है."

आसानी से फैल सकती है हिंसा

यूरेशिया ग्रुप के संस्थापक ने कहा कि, "हम पहले ही इस क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य ठिकानों और इक्विपमेंट के खिलाफ ड्रोन हमले देख चुके हैं. हमने हिजबुल्लाह के हमलों के साथ इजरायल की उत्तरी सीमा पर कुछ झड़पें देखी हैं. कुछ छोटी घुसपैठें भी बड़ी हो सकती हैं. हमने वेस्ट बैंक में दर्जनों फिलिस्तीनियों को मारे जाते देखा है. इजरायल निवासी अभी तक उस हिंसा में शामिल नहीं हुए हैं, लेकिन यह आसानी से फैल सकती है.''

इजराइल-गाजा युद्ध के आर्थिक असर को लेकर ब्रेमर ने कहा कि जब तक ईरान इसमें शामिल नहीं होता तब तक यह "नगण्य" है. उन्होंने कहा, "यूक्रेन पर रूसी हमले के बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रभाव थे. इजराइल के मामले में, यह एक छोटी अर्थव्यवस्था है."

युद्ध से दुनिया के सामने खड़ा हो सकता है तेल का संकट

उन्होंने कहा कि, अगर ईरान सीधे युद्ध में शामिल होता है तो इसके व्यापक असर होंगे. ब्रेमर ने कहा, "ईरान पर हमले से संभवतः तेल का बड़ा संकट पैदा हो सकता है जो दुनिया को मंदी की ओर ले जाएगा."

उन्होंने कहा कि यह संघर्ष बाइडेन प्रशासन के लिए दूसरा प्रमुख विदेश नीति संकट है और यह अमेरिका के लिए बड़ी व्याकुलता का कारण है. यह एक तरह से जो बाइडेन को उन नेताओं जैसे कि, वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और बेंजामिन नेतन्याहू, पर थोपना है जिन्हें वे निजी तौर पर पसंद नहीं करते या उन पर भरोसा नहीं करते.

हमास के हमले ने पैदा किए युद्ध के हालात

सात अक्टूबर को फिलिस्तीनी ग्रुप हमास द्वारा गाजा पट्टी से एक अभूतपूर्व हमला शुरू करने के बाद इज़राइल ने हमास को खत्म करने का संकल्प लिया है. हमास ने हमले में कम से कम 1400 लोगों को मार दिया. इनमें से ज्यादातर नागरिकों को गोली मार दी गई, काट दिया गया या जला दिया गया.

हमास के जवाब में इजरायल जमीनी हमले की तैयारी कर रहा है. उसने गाजा में पूरे शहर के ब्लॉकों को ध्वस्त कर दिया है. उसका कहना है कि जमीनी हमला जल्द ही होने वाला है. हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इजरायल के हमले में 4137 फिलिस्तीनी मारे गए हैं.

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