विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Apr 12, 2022

Pakistan में Imran Khan के खिलाफ "अमेरिकी साज़िश' का सच क्या है? पाकिस्तानी पत्रकार ने NDTV को दिया ये जवाब

Pakistan Crisis: पाकिस्तान में इमरान खान (Imran Khan) की जगह प्रधानमंत्री पद पर शहबाज़ (PM Shehbaz Sharif) आ गए हैं, लेकिन इमरान खान अब भी पाकिस्तान की राजनीति में अमेरिकी हस्तक्षेप (US Interference) के कारण सत्तापरिवर्तन के अपने दावे से पीछे नहीं हट रहे हैं. आखिर इमरान खान को क्यों यह डर था कि अमेरिका उनके खिलाफ साज़िश करेगा?

Read Time: 5 mins
Pakistan में Imran Khan के खिलाफ "अमेरिकी साज़िश' का सच क्या है? पाकिस्तानी पत्रकार ने NDTV को दिया ये जवाब
Pakistan में Imran Khan के पास अब भी एक बड़ा जनाधार है

पाकिस्तान (Pakistan) में जिस तरफ से इमरान खान (Ex PM Imran Khan) की सरकार गई और नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (PM Shehbaz Sharif) का चयन हुआ, उसे लेकर कई तरह की बातें की जा रही हैं. ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान की जनता दो धड़ों में बंट गई है. एक धड़ा कह रहा है कि बहुत गलत हुआ, एक कह रहा है ठीक हुआ. इमरान खान ने 27 मार्च को पाकिस्तान में कहा था, "अल्लाह ने हमें हुक्म दिया है, कि हम बुराई को खत्म करें", तो शहबाज़ शरीफ ने प्रधानमंत्री बनते ही तीर निशाने पर लगा कर कहा, "पाकिस्तान में बुराई पर अच्छाई की जीत हुई है".   

पाकिस्तान के पत्रकार अब्दुल्लाह ज़फर ने NDTV से बात की. उन्होंने कहा, "इमरान खान का अपना एक बड़ा वोट बैंक है, और इसी वजह से इमरान खान को उससे सहानुभूति भी मिल रही है. जो अपर मिडिल क्लास इमरान से जुड़ा हुआ है. उसे महंगाई और इकॉनमी जैसे मुद्दों की अधिक फिक्र नहीं है. लेकिन सब नाखुश थे, ये एक बड़ा नेरेटिव था." 

इमरान खान ने लहराया था एक पत्र 

जब इमरान खान को दिखा कि संसद में उनका बहुमत जाने वाला है और विपक्ष हावी हो रहा है तो उन्होंने दावा किया था कि उन्हें हटाने के पीछे अमेरिका की साज़िश है. अब्दुल्लाह ज़फर बताते हैं, "इमरान खान ने एक लैटर का हवाला देते हुए कहा, कि इसमें लिखा था कि अगर इमरान खान की सरकार चली जाएगी तो बड़ा फायदा होगा. उन्होंने एस सभा में एक लेटर लहराते हुए कहा कि इसमें अमेरिका की तरफ से विपक्ष को पैसे मिले हैं. इस पर अदालत से सवाल उठे कि कैसे  इतने बड़े विपक्ष को गद्दार करार दे सकते हैं. शहबाज शरीफ ने कहा है कि हम उस देखेंगे कि उसमें क्या लिखा हुआ है. और इसकी जांच की भी बात हो रही है."

इमरान खान और बाइडेन प्रशासन में था तनाव 

अमेरिका में जो बाइडेन जब से प्रधानमंत्री बने, तभी से यह मुद्दा जोर पकड़ रहा था कि इमरान खान ने शिष्टाचार कॉल उन्हें नहीं की. ना ही बाइडेन से इमरान की कभी फोन पर बात हुई. फिर अफगानिस्तान में अमेरिका को तालिबान से बात करने के लिए पाकिस्तान की जरूरत थी, लेकिन तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया तो अमेरिका को लगा कि इमरान डबल गेम तो नहीं खेल गए. फिर रही सही कसर तब पूरी हो गई जब यूक्रेन युद्ध के दौरान इमरान पुतिन से मिलने रूस पहुंच गए. अमेरिका के चीन बिगड़े रिश्तों की आंच भी पाकिस्तान पर आई थी. कुल मिला कर इमरान सरकार और बाइडेन सरकार के बीच संबंध तीखे होते जा रहे थे. अब अगर शहबाज शरीफ पाकिस्तान के रिश्ते अमेरिका से सुधारना चाहेंगे तो इमरान खान को दोबारा यह कहने का मौका मिल जाएगा कि उनके प्रधानमंत्री बनने के पीछे अमेरिका का हाथ था.

तो क्या सच में इमरान को सत्ता से अमेरिका ने हटाया?

इमरान के खिलाफ 13 विपक्षी दल एकजुट हो गए थे. पाकिस्तान के पत्रकार अब्दुल्लाह ज़फर कहते हैं, " हमने देखा कि पिछले 3 साल में पाकिस्तान में विपक्ष पर भारी क्रैकडाउन हुआ. इमरान खान को जिन लोगों ने छोड़ा उनके खिलाफ भी कई भ्रष्टाचार की जांच शुरू हुईं. लेकिन ऐसा क्यों है कि तीन साल बाद भी एक भी विपक्ष का नेता जेल नहीं जा सका. क्या इमरान साहब झूठ बोलते थे कि फलां-फलां विपक्ष के अकाउंट में इतने करोड़ हैं.  इमरान खान की सरकार में भी कई भ्रष्टाचार के मामलों की बात सामने आई."   

NDTV ने सवाल किया कि आखिर क्यों इमरान खान को यह डर था कि अमेरिका उनके खिलाफ साज़िश करेगा? इसके जवाब में अब्दुल्लाह ज़फर कहते हैं, "मेरे ख्याल से खान साहब को ना ये डर था, और ना अमेरिका ने कोई साज़िश की है. लेकिन पाकिस्तान में अक्षमता को साइड में रखना आसान है अगर एक काउंटर नेरेटिव रखा जाए.  अगर इमरान खान अक्षम थे तो भी आम आदमी उसे भुला सकता है लेकिन उसे अमेरिकी साजिश का जुमला बेचना आसान है.  80-90 के दशक में नवाज़ शरीफ ने बेनजीर भुट्टो के खिलाफ नारा दिया था कि ये- अंग्रेजों के कुत्ते नहलाने वाले लोग हैं. अब ये नारे दोबारा आने लगे, कि ये अमेरिकी साजिश है, ये यहूदी साज़िश है."

तो कुल मिला कर ऐसा लगता है कि "अमेरिकी साज़िश" के नाम का हथियार इमरान खान विपक्ष के खिलाफ प्रयोग करना चाहते थे, लेकिन उनका दांव सही चला नहीं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Analysis : क्या नफा, क्या नुकसान? ब्रिटेन में सरकार बदलने से क्या पड़ेगा भारत पर असर
Pakistan में Imran Khan के खिलाफ "अमेरिकी साज़िश' का सच क्या है? पाकिस्तानी पत्रकार ने NDTV को दिया ये जवाब
भारतीय और चीनी सैनिक थे आमने-सामने, जमकर हुई जोर आजमाइश, वीडियो वायरल
Next Article
भारतीय और चीनी सैनिक थे आमने-सामने, जमकर हुई जोर आजमाइश, वीडियो वायरल
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;