प्रतीकात्मक फोटो
पेरिस:
इस्लामिक स्टेट के चंगुल से भागकर आई एक यजीदी लड़की जिनान ने बताया कि इराक में इस्लामिक स्टेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक गुलाम बाजार चला रहा है, जहां क्रिश्चियन और यजीदी लड़कियां सेक्स सर्विस के लिए खरीदी और बेची जाती हैं।
18 साल की यजीदी लड़की जिनान को 2014 में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने अगवा किया था। वह तीन महीने तक इन आतंकियों के कब्जे में रही। शुक्रवार को पेरिस में उसकी आपबीती पर एक किताब प्रकाशित की गई, जहां उसने अपनी कहानी बयां की।
बेचे जाने से पहले जिनान को कई इलाकों में घुमाया गया था। जिनान को खरीदने वालों में एक पूर्व पुलिस अधिकारी और एक इमाम था। जिनान ने न्यूज एजेंसी एएफपी को आईएस की कैद में रहने वाली अपनी और दूसरी यजीदी लड़कियों की तकलीफों के बारे में बताया।
जिनान ने बताया कि वे हम पर अत्याचार करते हैं। जबरन धर्म परिवर्तन करवाते हैं। अगर मना करते हैं तो हमें मारा जाता है। तेज गर्मी में घर के बाहर चेन से बांधकर रखा जाता है। ऐसा पानी पीने के लिए मजबूर जाता है, जिसमें मरा हुआ चूहा पड़ा हो। कई बार वे हमें बिजली के झटके देने की धमकी भी देते हैं।
इन आदमियों में मानवता नहीं है। वे सिर्फ मौत और हत्याओं के बारे में सोचते हैं। वे लगातार ड्रग्स लेते रहते हैं। वे कहते हैं कि एक दिन पूरे विश्व में इस्लामिक स्टेट का राज होगा।
जिनान के मुताबिक, मोसुल में उसे एक बहुत बड़े रिसेप्शन हॉल में ले जाया गय, जहां बहुत बड़े-बड़े खंभे लगे थे। वहां दर्जनों औरते जमा थीं। लड़ाके हमारे आसपास जमा हो गए, वह हम पर हंस रहे थे और हमें नोंच रहे थे। ये बातें जिनान ने किताब Daesh's Slave में लिखी हैं।
उसने बताया कि उनमें से एक आदमी ने शिकायती लहजे में कहा, यह लड़की अच्छी है, लेकिन मुझे ऐसी यजीदी लड़की चाहिए, जिसकी आंखें नीली हो। मैं कीमत चुकाने के लिए भी तैयार हूं।
जिनान के मुताबिक, इस तरह के गुलामों के बाजारों में उसने इराकी, सीरियाई लोगों के अलावा पश्चिमी देशों के लोगों को भी देखा है, जिनके मूल देश के बारे में वह नहीं बता सकती।
18 साल की यजीदी लड़की जिनान को 2014 में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने अगवा किया था। वह तीन महीने तक इन आतंकियों के कब्जे में रही। शुक्रवार को पेरिस में उसकी आपबीती पर एक किताब प्रकाशित की गई, जहां उसने अपनी कहानी बयां की।
बेचे जाने से पहले जिनान को कई इलाकों में घुमाया गया था। जिनान को खरीदने वालों में एक पूर्व पुलिस अधिकारी और एक इमाम था। जिनान ने न्यूज एजेंसी एएफपी को आईएस की कैद में रहने वाली अपनी और दूसरी यजीदी लड़कियों की तकलीफों के बारे में बताया।
जिनान ने बताया कि वे हम पर अत्याचार करते हैं। जबरन धर्म परिवर्तन करवाते हैं। अगर मना करते हैं तो हमें मारा जाता है। तेज गर्मी में घर के बाहर चेन से बांधकर रखा जाता है। ऐसा पानी पीने के लिए मजबूर जाता है, जिसमें मरा हुआ चूहा पड़ा हो। कई बार वे हमें बिजली के झटके देने की धमकी भी देते हैं।
इन आदमियों में मानवता नहीं है। वे सिर्फ मौत और हत्याओं के बारे में सोचते हैं। वे लगातार ड्रग्स लेते रहते हैं। वे कहते हैं कि एक दिन पूरे विश्व में इस्लामिक स्टेट का राज होगा।
जिनान के मुताबिक, मोसुल में उसे एक बहुत बड़े रिसेप्शन हॉल में ले जाया गय, जहां बहुत बड़े-बड़े खंभे लगे थे। वहां दर्जनों औरते जमा थीं। लड़ाके हमारे आसपास जमा हो गए, वह हम पर हंस रहे थे और हमें नोंच रहे थे। ये बातें जिनान ने किताब Daesh's Slave में लिखी हैं।
उसने बताया कि उनमें से एक आदमी ने शिकायती लहजे में कहा, यह लड़की अच्छी है, लेकिन मुझे ऐसी यजीदी लड़की चाहिए, जिसकी आंखें नीली हो। मैं कीमत चुकाने के लिए भी तैयार हूं।
जिनान के मुताबिक, इस तरह के गुलामों के बाजारों में उसने इराकी, सीरियाई लोगों के अलावा पश्चिमी देशों के लोगों को भी देखा है, जिनके मूल देश के बारे में वह नहीं बता सकती।
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