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सिडनी:
मिडिल ईस्ट में सक्रिय इस्लामिक स्टेट के सबसे खतरनाक लड़ाकुओं में से एक ख़ालिद शरूफ़ की सास ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से अपनी बेटी और पांच नवासों की सुरक्षा की गुहार लगाई है।
करेन नेटलटन ने एक बेहद भावुक अपील में ऑस्ट्रेलिया की सरकार से कहा है कि उनकी बेटी ने खालिद से शादी करके अपनी ज़िंदगी का सबसे गलत फैसला किया था।
ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि आईएसआईएस के खुंखार आतंकियों में शामिल खालिद शरूफ़ और उसके दोस्त मोहम्मद एलोमर की इराक़ के शहर मोसुल में पिछले हफ़्ते हुए संघर्ष में मौत हो गई है, हालांकि बाद में उन दोनों के सीरिया में छुपे होने की भी बात कही गई।
शरूफ़ उस वक्त़ चर्चा में आए थे, जब पिछले साल उन्होंने अपने ट्वीटर अकाउंट पर अपनी और अपने ऑस्ट्रेलियाई बेटे के साथ सीरिया में मारे गए सैनिकों की तस्वीर पोस्ट की थी।
नेटलटन ने मंगलवार को जारी की गई अपनी अपील में कहा, मोहम्मद एलोमर और ख़ालिद शरूफ़ की मौत के बाद मेरी बेटी और नवासों को अपने परिवार के प्यार और साथ की बहुत ज़्यादा जरूरत है ताकि वह इस युद्ध और पारिवारिक सदमे से बाहर आ सकें।
‘सीरिया के अन्य बेघर लोगों की तरह उनके पास भी लौटने को एक घर है, मेरी बेटी अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी ग़लती की सज़ा भुगत रही है और आज एक विदेशी धरती पर अकेले पांच बच्चों की देखभाल कर रही है।’
टोनी एबॉट से गुहार
करेन ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबॉट से अपने बच्चों को सही सलामत घर लाने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा, ‘मिस्टर एबॉट, मैं आपसे भीख मांगती हूं कि आप मेरी बेटी और नवासों को वापस घर लाने में मदद करें।’
दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने एलोमर और शरूफ की मौत की पुख़्ता जानकारी नहीं दी है। उनके मुताबिक, एलोमर के मामले में जहां उनके पास सही जानकारी है वहीं शरूफ के मामले में वे निश्चित तौर पर कुछ नहीं कह सकते।
कानून के अनुसार कार्रवाई
प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने नेटलटन की गुहार पर जवाब देते हुए कहा कि उन्हें भी उन बच्चों की चिंता है, लेकिन उसके साथ ही उन्होंने नेटलटन को आगाह किया कि अगर शरूफ की पत्नी और नेटलटन की बेटी जिसने 10 साल पहले इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था, वापस देश लौटती है तो उसे इसके गंभीर परिणाम झेलने पड़ेंगे।
टोनी एबॉट ने कहा, हम माता-पिता की ग़लती की सज़ा बच्चों को नहीं दे सकते हैं, लेकिन उनके साथ ठीक वैसा ही सलूक होगा जैसा अपराधियों के बच्चों के साथ होता है।
एबॉट ने कहा, विदेशी धरती पर जाकर अपराध करने वाले ये पहले ऑस्ट्रेलियाई नागरिक नहीं है, उनके साथ कानून के मुताबिक सलूक किया जाएगा।
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री जूली बिशप के अनुसार, शरूफ की पत्नी और बच्चों के ऑस्ट्रेलिया वापस लौटने पर तब तक फ़ैसला नहीं किया जाएगा, जब तक शरूफ के सीरिया में मारे जाने की पुख्ता सबूत नहीं मिल जाते।
करेन नेटलटन ने एक बेहद भावुक अपील में ऑस्ट्रेलिया की सरकार से कहा है कि उनकी बेटी ने खालिद से शादी करके अपनी ज़िंदगी का सबसे गलत फैसला किया था।
ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि आईएसआईएस के खुंखार आतंकियों में शामिल खालिद शरूफ़ और उसके दोस्त मोहम्मद एलोमर की इराक़ के शहर मोसुल में पिछले हफ़्ते हुए संघर्ष में मौत हो गई है, हालांकि बाद में उन दोनों के सीरिया में छुपे होने की भी बात कही गई।
शरूफ़ उस वक्त़ चर्चा में आए थे, जब पिछले साल उन्होंने अपने ट्वीटर अकाउंट पर अपनी और अपने ऑस्ट्रेलियाई बेटे के साथ सीरिया में मारे गए सैनिकों की तस्वीर पोस्ट की थी।
नेटलटन ने मंगलवार को जारी की गई अपनी अपील में कहा, मोहम्मद एलोमर और ख़ालिद शरूफ़ की मौत के बाद मेरी बेटी और नवासों को अपने परिवार के प्यार और साथ की बहुत ज़्यादा जरूरत है ताकि वह इस युद्ध और पारिवारिक सदमे से बाहर आ सकें।
‘सीरिया के अन्य बेघर लोगों की तरह उनके पास भी लौटने को एक घर है, मेरी बेटी अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी ग़लती की सज़ा भुगत रही है और आज एक विदेशी धरती पर अकेले पांच बच्चों की देखभाल कर रही है।’
टोनी एबॉट से गुहार
करेन ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबॉट से अपने बच्चों को सही सलामत घर लाने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा, ‘मिस्टर एबॉट, मैं आपसे भीख मांगती हूं कि आप मेरी बेटी और नवासों को वापस घर लाने में मदद करें।’
दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने एलोमर और शरूफ की मौत की पुख़्ता जानकारी नहीं दी है। उनके मुताबिक, एलोमर के मामले में जहां उनके पास सही जानकारी है वहीं शरूफ के मामले में वे निश्चित तौर पर कुछ नहीं कह सकते।
कानून के अनुसार कार्रवाई
प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने नेटलटन की गुहार पर जवाब देते हुए कहा कि उन्हें भी उन बच्चों की चिंता है, लेकिन उसके साथ ही उन्होंने नेटलटन को आगाह किया कि अगर शरूफ की पत्नी और नेटलटन की बेटी जिसने 10 साल पहले इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था, वापस देश लौटती है तो उसे इसके गंभीर परिणाम झेलने पड़ेंगे।
टोनी एबॉट ने कहा, हम माता-पिता की ग़लती की सज़ा बच्चों को नहीं दे सकते हैं, लेकिन उनके साथ ठीक वैसा ही सलूक होगा जैसा अपराधियों के बच्चों के साथ होता है।
एबॉट ने कहा, विदेशी धरती पर जाकर अपराध करने वाले ये पहले ऑस्ट्रेलियाई नागरिक नहीं है, उनके साथ कानून के मुताबिक सलूक किया जाएगा।
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री जूली बिशप के अनुसार, शरूफ की पत्नी और बच्चों के ऑस्ट्रेलिया वापस लौटने पर तब तक फ़ैसला नहीं किया जाएगा, जब तक शरूफ के सीरिया में मारे जाने की पुख्ता सबूत नहीं मिल जाते।
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