काहिरा:
सत्ता छोड़ने के लिए विपक्ष द्वारा तय की गई समय सीमा समाप्त होने के बीच मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह तुरंत ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि इससे मिस्र में अराजकता फैल जाएगी। उधर, सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने मुबारक के 30 साल पुराने शासन की समाप्ति की मांग करते हुए मध्य काहिरा में एकत्र होना शुरू कर दिया है। सरकार के समर्थक और विरोधियों के बीच तीन दिन के हिंसक संघर्षों के बाद सुरक्षाबल किसी भी संभावित आपात स्थिति के लिए खुद को तैयार किए हैं। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार की समय सीमा को राष्ट्रपति के लिए विदाई का दिन करार देते हुए अपने अभियान को तेज कर दिया है। 82 साल के मुबारक ने 'एबीसी न्यूज' को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि वह तंग आ चुके हैं और सत्ता छोड़ना चाहते हैं, लेकिन आशंका है कि यदि इस समय वह सत्ता से हट गए, तो देश गर्त में चला जाएगा। 25 जनवरी को देश में अशांति फैलने के बाद से अपने भारी सुरक्षा बंदोबस्त वाले महल से दो बार टीवी पर साक्षात्कार देने वाले मुबारक ने कहा, मैं तंग आ चुका हूं। जनसेवा में 62 साल बिताने के बाद अब बहुत हो चुका है। मैं जाना चाहता हूं। प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू होने के बाद से 300 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों द्वारा सत्ता छोड़ने के लिए शुक्रवार की समयसीमा दिए जाने के बाबत किए गए सवाल पर कहा, यदि मैं आज इस्तीफा दे देता हूं, तो देश में गदर मच जाएगा। उन्होंने कहा, मैं इसकी परवाह नहीं करता कि लोग क्या कहते हैं। फिलहाल मुझे अपने देश की चिंता है।राष्ट्रपति ने काहिरा में फैली हिंसा के लिए विपक्षी दल मुस्लिम ब्रदरहुड को जिम्मेदार ठहराया और कहा, मैं बहुत दुखी हूं। मैं मिस्रवासियों को एक-दूसरे से लड़ते हुए नहीं देखना चाहता। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की उनसे इस्तीफा देने के संबंध में की गR अपील पर मुबारक ने कहा कि उन्होंने अपने अमेरिकी समकक्ष से कहा है, आपको मिस्र की संस्कृति की समझ नहीं है और यदि आज मैं इस्तीफा दे देता हूं, तो क्या होगा। मुबारक ने इन अटकलों को भी खारिज किया कि वह सत्ता छोड़ने के बाद अपने बेटे गमल को कुर्सी पर बिठना चाहते हैं। उन्होंने कहा, मैं कभी भागूंगा नहीं...मैं इसी धरती पर अंतिम सांस लूंगा। देश में राजनीतिक संकट के बीच विदेशी पत्रकारों को उग्र भीड़ द्वारा निशाना बनाया जा रहा है और हमलावरों में से अधिकतर राष्ट्रपति के समर्थक माने जा रहे हैं। उधर, प्रदर्शनकारी तहरीर स्क्वेयर पर उमड़ना शुरू हो गए हैं, जो काहिरा के बीचों-बीच सरकार विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र है। प्रदर्शनकारियों की सरकार समर्थक बलों के साथ खूनी झड़प होने की आशंका है। मिस्र के नए प्रधानमंत्री अहमद शफीक ने कहा है कि गृहमंत्री को शुक्रवार के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकना नहीं चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने गुरुवार की हिंसा के लिए भी माफी मांगी। इस बीच, मोहम्मद अल बरदेई समेत विपक्षी नेताओं और मुस्लिम ब्रदरहुड ने कहा है कि उनके और सरकार के बीच सुलह-समझौता वार्ता से पूर्व मुबारक को सत्ता छोड़नी होगी।
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