नई दिल्ली:
पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी का कहना है कि पाकिस्तान को भारत पर हमलों के जिम्मेदार लोगों में से कुछ को सिर्फ घर में नजरबंद कर देने या अन्य को खुला छोड़कर भाषण देते रहने देने के बजाय उन पर कार्रवाई करनी चाहिए।
जिहादी 30 साल में पाकिस्तान के लिए सफलता नहीं लाए
हक्कानी ने यह भी कहा कि अगर जिहादी समूहों को खतरों के रूप में नहीं देखा जाता और पाकिस्तान द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, तो पठानकोट वायुसैन्य अड्डे जैसे और हमले होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जिहादी पिछले 30 साल में पाकिस्तान के लिए सफलता नहीं लाए हैं और वे आने वाले वर्षों में उस देश का और अधिक नुकसान ही करेंगे।
भारत से छोटा देश होने के कारण जीत नहीं सकता
अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके हक्कानी ने कहा कि भारत से छोटा देश होने के कारण पाकिस्तान पारंपरिक सैन्य आक्रमण में उससे जीत नहीं सकता, लेकिन वह भारत के शहरों में जनजीवन को बाधित करके और डर पैदा करके भारत के हाथ बांध देना चाहता है। गैर-पारंपरिक तरीकों से भी सैन्य स्पर्धा की उसकी गहरी इच्छा आतंकवाद के बने रहने की एक वजह है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
जिहादी 30 साल में पाकिस्तान के लिए सफलता नहीं लाए
हक्कानी ने यह भी कहा कि अगर जिहादी समूहों को खतरों के रूप में नहीं देखा जाता और पाकिस्तान द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, तो पठानकोट वायुसैन्य अड्डे जैसे और हमले होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जिहादी पिछले 30 साल में पाकिस्तान के लिए सफलता नहीं लाए हैं और वे आने वाले वर्षों में उस देश का और अधिक नुकसान ही करेंगे।
भारत से छोटा देश होने के कारण जीत नहीं सकता
अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके हक्कानी ने कहा कि भारत से छोटा देश होने के कारण पाकिस्तान पारंपरिक सैन्य आक्रमण में उससे जीत नहीं सकता, लेकिन वह भारत के शहरों में जनजीवन को बाधित करके और डर पैदा करके भारत के हाथ बांध देना चाहता है। गैर-पारंपरिक तरीकों से भी सैन्य स्पर्धा की उसकी गहरी इच्छा आतंकवाद के बने रहने की एक वजह है।
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