वाशिंगटन:
अमेरिका का पूर्वी तट कई दशकों बाद आए सबसे बड़े तूफान सैंडी से निपटने के लिए तैयार हो रहा है। सैंडी न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन और बोस्टन के सर्वाधिक आबादी वाले इलाकों की ओर बढ़ रहा है। कैरेबियाई भूभाग में सैंडी तूफान कम से कम 66 लोगों की जान ले चुका है। लोगों को लगातार सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है। तूफान की वजह से यहां तेज बारिश हो सकती है और बर्फ गिर सकती है।
तूफान के चलते अमेरिका को जाने और आने वाली हजारों उड़ानों को रद्द कर दिया गया है।
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कोलंबिया, मैसाच्युसेट्स और न्यूयॉर्क में आपातस्थिति की घोषणा कर दी है। उन्होंने इन राज्यों के गवर्नरों को सुरक्षा के पूरे उपाय करने तथा निचले इलाकों में रह रहे लोगों को वहां से हटाने का आदेश दिया है।
तूफान के कारण देश के पूर्वोत्तर भाग में 6000 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। अकेले न्यूयॉर्क शहर से 370,000 लोगों को हटाया गया है।
समझा जाता है कि न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी में जल्द ही तूफान दस्तक दे देगा। न्यूयॉर्क में रविवार शाम से यातायात प्रणालियों को बंद करने का आदेश दिया गया है। 14 माह में दूसरी बार सार्वजनिक परिवहन प्रणालियां बंद की गई हैं।
सैंडी के कारण लोगों के मन में पिछले साल अगस्त में पूर्वी तट पर आए तूफान इरीन की यादें ताजा हो गई हैं। तब भी इसी तरह परिवहन प्रणालियां बंद की गई थीं, बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था और बिजली बंद होने की वजह से लाखों लोगों को अंधेरे में रहना पड़ा था।
न्यूयॉर्क के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने संवाददाताओं से कहा, हमारे पास लोगों की सुरक्षा के लिए योजना है। इसका पालन करने पर आप सुरक्षित रहेंगे और तूफान गुजर जाएगा। पालन न करने पर आप न सिर्फ खुद को खतरे में डालेंगे बल्कि उन लोगों के लिए भी मुश्किल होगी जो आपात स्थिति में आपको बचाने के लिए आएं।
गौरतलब है कि भारतीय मूल के हजारों लोगों सहित लाखों अमेरिकी खाने पीने की सामग्री, दूध, फल और अन्य जरूरी पदार्थों की खरीदारी कर भीषण तूफान से निपटने की तैयारी में जुटे हैं।
भारी मांग को देखते हुए दुकानों ने भी वस्तुओं की कीमतों में इजाफा कर दिया है। बढ़ी हुई कीमतों के कारण लोगों में नाराजगी भी देखी जा रही है।
न्यूयॉर्क के एक फोटो पत्रकार जय मंडल का कहना है, एक गैलन दूध की कीमत 29 सेंट, ब्रेड 19 सेंट में, पानी बोतल 10 सेंट में..कई दुकानों में तो पानी की बोतलें, मोमबत्ती, दूध और ब्रेड भी उपलब्ध नहीं है। ब्रेड नहीं रहने के कारण मुझे दूसरी चीजें खरीदनी पड़ी। कोलंबिया विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के प्रोफेसर श्री श्रीनिवासन चक्रवाती तूफान से पहले अपने पड़ोस की दुकान से किराना वस्तुओं की खरीदारी करने गए, लेकिन वहां पर लंबी कतार लगी हुई थी। दूध उपलब्ध ही नहीं था।
उधर, तूफान के कहर से परेशान लोगों की मदद सोशल नेटवर्क कर रहा है। चाहे समीपवर्ती आपात शिविर खोजना हो या मौसम का पूर्वानुमान बताने वाले वैज्ञानिकों से सीधी बातचीत चैटिंग के जरिये करना हो या किसी आपात स्थिति की जानकारी देनी हो, सोशल मीडिया संकट के समय पर मददगार बनकर उभरा है।
ट्विटर पर सैंडी पर सर्वाधिक चर्चा हुई और उन जगहों के बारे में बताया गया जहां इसके पहुंचने की आशंका है। परेशान लोग इसके बारे में नई खबर खोजते रहे और उन वेबसाइट्स के लिंक उन्होंने अपने परिचितों या संबंधियों को भेजे, जिनमें इस तूफान से सुरक्षा के उपाय बताए गए हैं।
तूफान के चलते अमेरिका को जाने और आने वाली हजारों उड़ानों को रद्द कर दिया गया है।
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कोलंबिया, मैसाच्युसेट्स और न्यूयॉर्क में आपातस्थिति की घोषणा कर दी है। उन्होंने इन राज्यों के गवर्नरों को सुरक्षा के पूरे उपाय करने तथा निचले इलाकों में रह रहे लोगों को वहां से हटाने का आदेश दिया है।
तूफान के कारण देश के पूर्वोत्तर भाग में 6000 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। अकेले न्यूयॉर्क शहर से 370,000 लोगों को हटाया गया है।
समझा जाता है कि न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी में जल्द ही तूफान दस्तक दे देगा। न्यूयॉर्क में रविवार शाम से यातायात प्रणालियों को बंद करने का आदेश दिया गया है। 14 माह में दूसरी बार सार्वजनिक परिवहन प्रणालियां बंद की गई हैं।
सैंडी के कारण लोगों के मन में पिछले साल अगस्त में पूर्वी तट पर आए तूफान इरीन की यादें ताजा हो गई हैं। तब भी इसी तरह परिवहन प्रणालियां बंद की गई थीं, बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था और बिजली बंद होने की वजह से लाखों लोगों को अंधेरे में रहना पड़ा था।
न्यूयॉर्क के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने संवाददाताओं से कहा, हमारे पास लोगों की सुरक्षा के लिए योजना है। इसका पालन करने पर आप सुरक्षित रहेंगे और तूफान गुजर जाएगा। पालन न करने पर आप न सिर्फ खुद को खतरे में डालेंगे बल्कि उन लोगों के लिए भी मुश्किल होगी जो आपात स्थिति में आपको बचाने के लिए आएं।
गौरतलब है कि भारतीय मूल के हजारों लोगों सहित लाखों अमेरिकी खाने पीने की सामग्री, दूध, फल और अन्य जरूरी पदार्थों की खरीदारी कर भीषण तूफान से निपटने की तैयारी में जुटे हैं।
भारी मांग को देखते हुए दुकानों ने भी वस्तुओं की कीमतों में इजाफा कर दिया है। बढ़ी हुई कीमतों के कारण लोगों में नाराजगी भी देखी जा रही है।
न्यूयॉर्क के एक फोटो पत्रकार जय मंडल का कहना है, एक गैलन दूध की कीमत 29 सेंट, ब्रेड 19 सेंट में, पानी बोतल 10 सेंट में..कई दुकानों में तो पानी की बोतलें, मोमबत्ती, दूध और ब्रेड भी उपलब्ध नहीं है। ब्रेड नहीं रहने के कारण मुझे दूसरी चीजें खरीदनी पड़ी। कोलंबिया विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के प्रोफेसर श्री श्रीनिवासन चक्रवाती तूफान से पहले अपने पड़ोस की दुकान से किराना वस्तुओं की खरीदारी करने गए, लेकिन वहां पर लंबी कतार लगी हुई थी। दूध उपलब्ध ही नहीं था।
उधर, तूफान के कहर से परेशान लोगों की मदद सोशल नेटवर्क कर रहा है। चाहे समीपवर्ती आपात शिविर खोजना हो या मौसम का पूर्वानुमान बताने वाले वैज्ञानिकों से सीधी बातचीत चैटिंग के जरिये करना हो या किसी आपात स्थिति की जानकारी देनी हो, सोशल मीडिया संकट के समय पर मददगार बनकर उभरा है।
ट्विटर पर सैंडी पर सर्वाधिक चर्चा हुई और उन जगहों के बारे में बताया गया जहां इसके पहुंचने की आशंका है। परेशान लोग इसके बारे में नई खबर खोजते रहे और उन वेबसाइट्स के लिंक उन्होंने अपने परिचितों या संबंधियों को भेजे, जिनमें इस तूफान से सुरक्षा के उपाय बताए गए हैं।
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