विज्ञापन

मिट्टी, राजनीति और गरीबी... लैटिन अमेरिका पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा ड्रग्स सप्लायर कैसे बना?

दुनिया में जिन अवैध ड्रग्स का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है उसमें सबसे उपर मारिजुआना (गांजा-चरस) का नाम आता है और उसके ठीक बात कोकेन का. लैटिन अमेरिका के देशों में भले दोनों उत्पादित होते हैं, लेकिन कोकेन यहीं का लोकल है.

मिट्टी, राजनीति और गरीबी... लैटिन अमेरिका पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा ड्रग्स सप्लायर कैसे बना?
  • लैटिन अमेरिका में कोका की खेती सदियों से स्थानीय समुदायों द्वारा चिकित्सीय और अनुष्ठानिक कारणों से की जाती रही
  • 19वीं सदी में यूरोपीय, अमेरिकी कंपनियों ने कोका पत्ती के प्राकृतिक उपयोग को लोकप्रिय ड्रग में बदल दिया था
  • लैटिन अमेरिका में गरीबी और बेरोजगारी ने लोगों को ड्रग्स उत्पादन और तस्करी की ओर मजबूर किया है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

कोलंबिया, मैक्सिको, ब्राजील.... आपने जब भी ड्रग्स कार्टेल पर कोई भी फिल्म, टीवी सीरिज देखी होगी या खबर तक पढ़ी होगी तो घुम फिर कर जिक्र लैटिन अमेरिका यानी दक्षिणी अमेरिकी महाद्वीप के देशों का ही आया होगा. क्या आपने कभी सोचा है कि पाब्लो एमिलियो एस्कोबार से लेकर एल चापो जैसे ड्रग्स कार्टेल के गॉडफादर इन लैटिन अमेरिकी देश में ही क्यों पैदा हुए, इन्हीं देशों में बैठकर उन्होंने दुनिया के सबसे खतरनाक ड्रग्स का साम्राज्य कैसे खड़ा कर लिया. इसे जानने के लिए आपको इन लैटिन अमेरिकी देशों की मिट्टी को जानना होगा, उस मिट्टी में सनी राजनीति पर गौर करना होगा, उस मिट्टी में घुली गरीबी को समझना होगा. इस आर्टिकल में हम आपको ठीक यही बताने जा रहे हैं.

लैटिन अमेरिका की मिट्टी

दुनिया में जिन अवैध ड्रग्स का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है उसमें सबसे उपर मारिजुआना (गांजा-चरस) का नाम आता है और उसके ठीक बात कोकेन का. लैटिन अमेरिका के देशों में भले दोनों उत्पादित होते हैं, लेकिन कोकेन यहीं का लोकल है. आपको बता दें कि कोकेन बनाने के लिए कोका के पत्तों का इस्तेमाल होता है. जहां मारिजुआना का उत्पादन सदियों पहले एशिया से शुरू होकर अधिकांश महाद्वीपों में फैल गया था, कोका की खेती 5,000 से अधिक वसालों से लैटिन अमेरिका के स्थानीय समुदायों द्वारा की जाती रही है. इन हजारों सालों में इन पत्तियों का इस्तेमाल नशे के लिए नहीं बल्कि इनके चिकित्सीय गुणों और अनुष्ठानिक उपयोग के कारण होता था और इस वजह से यह यहां के स्थानीय समुदायों के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं.

एंडीज और अमेजोनियन क्षेत्रों के भौगोलिक लाभों ने कोका के इन अवैध घोषित हो चुके फसलों और कोकेन बनाने के लिए लैब्स न सिर्फ मिट्टी दी बल्कि उन्हें यहां सेफ जोन दे दिया. यहां कोकेन निकाला जाने लगा.

हार्वर्ड इंटरनेशनल रिव्यू की रिपोर्ट के अनुसार 19वीं सदी में, जब यूरोपीय और अमेरिकी दवाई कंपनियों ने नई दवाओं की खोज शुरू की, तो उन्होंने दक्षिण अमेरिका के जंगलों की यात्रा की, जहां उन्होंने पाया कि स्वदेशी समुदाय दर्द को ठीक करने और ऊर्जा बढ़ाने के लिए कोका पत्ती का उपयोग कर रहे थे. यूनिवर्सिटेट पॉट्सडैम के शोधकर्ता निकोलस फाजार्डो ने स्टडी की है कि कैसे यूरोप और अमेरिका के बीच की सीमाओं को पार करते हुए एक लगभग प्राकृतिक उत्पाद को दुनिया की सबसे लोकप्रिय ड्रग्स में से एक में बदल दिया गया.

राजनीति और गरीबी

लैटिन अमेरिका लंबे समय से एक ऐसा क्षेत्र रहा है जहां चरम की गरीबी रही है. 1985 में 45.6% कोलंबियाई और लगभग 25% मैक्सिकन गरीबी रेखा के नीचे रहते थे. इस आय के अंतर ने लोगों को "आसान पैसा" कमाने और मजबूरी की जिंदगी से बचने के लिए ड्रग्स बनाने और उनकी तस्करी की ओर मोड़ दिया. मेक्सिको में सिनालोआ कार्टेल के बॉस रहे "एल चापो", जिसे ड्रग्स कार्टेल का गॉडफादर कहा गया, ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह ड्रग्स की तस्करी में इसलिए आ गया क्योंकि उसके क्षेत्र में नौकरी के कोई अवसर नहीं थे.ॉ

इन ड्रग्स से आए पैसे ने इन देशों की राजनीति को आकार दिया. इन ड्रग्स कार्टेल के पास सरकार से ज्यादा पैसे और सैन्य शक्ति रही और इस तरह यहां की राजनीति ड्रग्स मनी पर आश्रित हो गई.

यह भी पढ़ें: ब्राजील ड्रग वॉर: कोकेन, पावर और करप्‍शन... रियो की घनी बस्तियों में छिपा ड्रग कार्टेल का खतरनाक राज

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com