टोक्यो:
जापान के होंशू द्वीप पर शनिवार को भूकम्प के दो झटके दर्ज किए गए। इनमें से एक टोक्यो में भी महसूस किया गया। लेकिन इसमें किसी किस्म के जान-माल के नुकसान की जानकारी नहीं है। उधर, फुकुशिमा परमाणु संयंत्र की रिएक्टर संख्या-दो की सुरंग में रेडियोधर्मी तत्वों से युक्त पानी स्तर बढ़ रहा है समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक चीन के 'अर्थक्वेक नेटवर्क्स सेंटर' ने कहा कि रिक्टर पैमाने पर छह तीव्रता का भूकम्प 10.19 बजे दर्ज किया गया। इसके बाद द्वीप के दक्षिणी क्षेत्र कांटो में 11.19 बजे रिक्टर पैमाने पर 5.9 तीव्रता का भूकम्प दर्ज किया गया। इस भूकम्प का केंद्र तोशिगी में था और इसके झटके टोक्यो में भी महसूस किए गए। भूकम्प से किसी तरह की जानमाल की क्षति का समाचार नहीं है और सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। इस बीच, जापानी समाचार एजेंसी एनएचके के अनुसार रेडियोधर्मी तत्वों से युक्त पानी की मौजूदगी से संयंत्र में कूलिंग सिस्टम बहाल करने की कोशिशों में कमी आ रही है। ऐसे जल के समुद्र और जमीन में रिसाव से चिंताएं भी बढ़ रही हैं। इस बीच टोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर कार्पोरेशन (टेप्को) ने करीब 600 टन दूषित जल को सुरंग से टर्बाइन इमारत के कंडेसर से जमा करने का काम पहले ही पूरा कर चुकी है। पानी वहां से हटाने पर सुरंग में जलस्तर आठ सेंटीमीटर घट गया था लेकिन उसमें फिर से वृद्धि होने लगी है और शनिवार सुबह तक उसमें 2.5 सेंटीमीटर की वृद्धि हो चुकी थी। टेप्को का कहना है कि समुद्र में दूषित पानी का रिसाव रोकने के प्रयासों से संभवत: सुरंग में पानी जमा हो गया होगा। कम्पनी अगले सप्ताह के आखिर तक दूषित पानी को कचरा-पुनर्शोधन सुविधा तक पहुंचा सकती है। फिलहाल उसका पूरा ध्यान पानी का रिसाव रोकने पर है। उच्च रेडियोधर्मिता वाला पानी सम्भवत: जमीन के अंदर भी रिस रहा है। गुरुवार को टेप्को भूमिगत जल में रेडियोधर्मी तत्व मिले थे। यह स्तर सप्ताह भर पहले के स्तर से 38 गुणा ज्यादा है। इस बीच, ब्रसेल्स से प्राप्त समाचारों के अनुसार यूरोपीय आयोग ने यूरोप स्थित बंदरगाहों को जापान से आने वाले मालवाहक और अन्य जहाजों में नए स्तरों के मुताबिक रेडियोधर्मी विकिरण की जांच करने का सुझाव दिया है। 'एनएचके' के मुताबिक शुक्रवार को जारी किए गए एक बयान में यूरोपीय आयोग ने जापान से आने वाले जहाजों में रेडियोधर्मी विकिरण की अधिकतम वैध मात्रा 0.2 माइक्रोसीवर्ट प्रति घंटा निर्धारित की है। अब तक यह 0.1 माइक्रोसीवर्ट प्रति घंटा थी। बयान में कहा गया कि यदि बंदरगाह प्रशासन को किसी जहाज पर इस मात्रा से ज्यादा विकिरण मिलता है तो आयोग को इससे अवगत कराया जाए और जहाज को बारीकी से साफ किया जाए। यूरोपीय आयोग का यह बयान जापान में परमाणु आपदा शुरू होने के बाद यहां से पहला जहाज नीदरलैंड पुहंचने के एक दिन बाद आया है। यूरोपीय आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि जहाज पर विकिरण का असामान्य स्तर नहीं पाया गया है। उल्लेखनीय है कि जापान में 11 मार्च को आए रिक्टर पैमाने पर नौ की तीव्रता के भूकम्प और सुनामी से जान-माल की भारी तबाही हुई है।
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