- शांति संधि आईएस और हिजबुल्ला के बीच हुई थी.
 - लेबनान में इस समझौते की आलोचना की गई है.
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                                                                                बेरूत: 
                                        पिछले एक दशक से छिपकर रह रहे लेबनानी शिया आंदोलन हिजबुल्ला के प्रमुख ने गुरूवार को कहा कि वह जिहादियों की निकासी से जुड़े समझौते पर सीरियाई राष्ट्रपति की मंजूरी लेने के लिए दमिश्क गए थे. हसन नसरल्ला ने टीवी पर अपने हजारों समर्थकों को दिए गए भाषण में कहा, 'मैं राष्ट्रपति बशर अल-असद से मिलने के लिए खुद दमिश्क गया.' अपने धुर प्रतिद्वंद्वी इस्राइल के खिलाफ वर्ष 2006 में हुए युद्ध के बाद से नसरल्ला (57) सार्वजनिक तौर पर बहुत कम ही दिखा है.
इस्राइल के मोस्ट वांटेड लोगों की सूची में शामिल नसरल्ला ने वर्ष 2014 में कहा था कि वह बेहद गोपनीयता के साथ अकसर अपने रहने का स्थान बदलता रहता है.
यह भी पढे़ं : काबुल में मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले में 40 लोगों की मौत
सोमवार को एक संघर्षविराम संधि के तहत इस्लामिक स्टेट के सैंकड़ों लड़ाकों और आम नागरिकों को लेबनान और सीरिया के बीच की सीमा से निकाला गया था. ये लोग इराकी सीमा के पास पूर्वी सीरिया की ओर गए थे. शांति संधि आईएस और हिजबुल्ला के बीच हुई थी. हिजबुल्ला ने असद की सरकार को मदद देने के लिए सीरिया के छह वर्षीय युद्ध में हस्तक्षेप किया है.
VIDEO : मोदी की तुलना असद से...!
लेबनान में इस समझौते की आलोचना की गई है. इसके अलावा इसकी आलोचना सीरिया और इराक में आईएस से लड़ रहे अमेरिकी गठबंधन ने भी किया है. आतंकियों को उसके दरवाजे तक लाने का आरोप लगाने वाला बगदाद इसका मुखर विरोधी है
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                इस्राइल के मोस्ट वांटेड लोगों की सूची में शामिल नसरल्ला ने वर्ष 2014 में कहा था कि वह बेहद गोपनीयता के साथ अकसर अपने रहने का स्थान बदलता रहता है.
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सोमवार को एक संघर्षविराम संधि के तहत इस्लामिक स्टेट के सैंकड़ों लड़ाकों और आम नागरिकों को लेबनान और सीरिया के बीच की सीमा से निकाला गया था. ये लोग इराकी सीमा के पास पूर्वी सीरिया की ओर गए थे. शांति संधि आईएस और हिजबुल्ला के बीच हुई थी. हिजबुल्ला ने असद की सरकार को मदद देने के लिए सीरिया के छह वर्षीय युद्ध में हस्तक्षेप किया है.
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लेबनान में इस समझौते की आलोचना की गई है. इसके अलावा इसकी आलोचना सीरिया और इराक में आईएस से लड़ रहे अमेरिकी गठबंधन ने भी किया है. आतंकियों को उसके दरवाजे तक लाने का आरोप लगाने वाला बगदाद इसका मुखर विरोधी है
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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