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बकवास है उनकी टैरिफ अर्थव्यस्था... डोनाल्ड ट्रंप को अर्थशास्त्री हैंक की दो टूक

हैंके ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि भारत के मामले में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को अपने पत्ते गुप्त रखने चाहिए और थोड़ा इंतज़ार करना चाहिए.

  • स्टीव हैंके ने ट्रंप के टैरिफ फैसले को आर्थिक दृष्टि से गलत और अमेरिका के लिए नुकसानदायक बताया है.
  • हैंके ने कहा कि ट्रंप की टैरिफ नीति खुद को नष्ट करने जैसा है और इसके कारण अमेरिका को भारी नुकसान हो रहा है.
  • ट्रंप के भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने के फैसले से भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ गया है,
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के दूसरे देशों पर टैरिफ का हंटर भले चला दिया हो लेकिन सच तो ये है उनके इस फैसले को लेकर अब अमेरिमा में ही आलोचना होने लगी है. अमेरिकी अर्थशास्त्री और जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर स्टीव हैंके ने एनडीटीवी को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बाकी दुनिया के खिलाफ व्यापार युद्ध छेड़कर "खुद को बर्बाद" कर रहे हैं.

प्रोफ़ेसर हैंके ने कहा कि ट्रंप का टैरिफ़ फ़ैसला "बिल्कुल बकवास" है और "बस रेत पर टिका हुआ" है. उन्होंने आगे कहा कि अर्थशास्त्र पूरी तरह से ग़लत है. उनकी यह टिप्पणी अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के फैसले को लेकर भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है. प्रोफ़ेसर हैंके ने कहा कि मुख्य बात नेपोलियन की सलाह का पालन करना है. उन्होंने कहा था कि खुद को नष्ट करने की प्रक्रिया में कभी भी दुश्मन के साथ हस्तक्षेप न करें. मुझे लगता है कि ट्रम्प खुद को नष्ट कर रहे हैं. 

हैंके ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि भारत के मामले में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को अपने पत्ते गुप्त रखने चाहिए और थोड़ा इंतज़ार करना चाहिए. मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मुझे लगता है कि ट्रंप का ताश का महल ढह जाएगा. टैरिफ के आर्थिक झटके रेत पर टिके हुए हैं. उन्होंने दावा किया कि अमेरिका में भारी व्यापार घाटा है क्योंकि अमेरिकियों का खर्च सकल राष्ट्रीय उत्पाद से ज़्यादा है. तो अर्थशास्त्र पूरी तरह से ग़लत है. ट्रंप का टैरिफ अर्थशास्त्र बिल्कुल बकवास है.

आपको बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर लगाए गए 50 पर्सेंट टैरिफ को लेकर अमेरिकी प्रशासन के अंदर भी मतभेद सामने आने लगे हैं. ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके जॉन बोल्टन ने इस कदम को अमेरिका के लिए एक "ऐतिहासिक गलती" करार दिया है, जो दशकों में भारत से बने रणनीतिक संबंधों को खतरे में डाल सकती है.

बोल्टन ने सीएनएन पर इंटरव्यू में कहा कि ट्रंप प्रशासन जिस तरह से भारत और चीन के साथ अलग-अलग बर्ताव कर रहा है, वह हैरान करने वाला है. उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस भारत की तुलना में चीन के प्रति ज्यादा उदार दिख रहा है. अगर वाकई ऐसा है तो यह एक बहुत बड़ी गलती होगी. अमेरिका और भारत ने दशकों के प्रयास से काफी अच्छे संबंध बनाए हैं. लेकिन ट्रंप की यह नीति दशकों की अमेरिकी कोशिशों को खतरे में डाल रही है. 

उन्होंने कहा कि अमेरिकी नीतियों का मकसद भारत को रूस और चीन से दूर करना होना चाहिए ताकि वह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन का मुकाबला करने में अमेरिका का साथ दे सके. लेकिन ट्रंप ने भले ही ये कदम रूस को चोट पहुंचाने के इरादे से उठाया हो, लेकिन इसका उल्टा असर हो सकता है और भारत रूस और चीन के और करीब जा सकता है

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