वालेटा:
माल्टा के प्रधानमंत्री जोसेफ मस्कट ने कहा कि लीबिया के विमान का अपहरण करने वाले लोगों ने शुक्रवार को विमान को छोड़ दिया और सभी यात्रियों एवं चालक दल के सदस्यों को रिहा करने के बाद अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. अपहरणकर्ताओं ने अपने पास हथगोले होने का दावा किया था.
माल्टा के पीएम जोसेफ मस्कट ने ट्विटर पर लिखा, 'चालक दल के आखिरी सदस्य विमान से अपहरणकर्ताओं के साथ बाहर निकल रहे हैं'. कुछ मिनटों के बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया, 'अपहरणकर्ताओं ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उनकी तलाशी ली गयी और फिर उन्हें हिरासत में ले लिया गया'. लीबिया के विदेश मंत्री ताहिर सियाला ने कहा कि दोनों अपहरणकर्ता मृत तानाशाह मुअमर कज्जाफी के समर्थक हैं और उन्होंने माल्टा में राजनीतिक शरण मांगा थी.
उन्होंने कहा कि अपहरणकर्ता कज्जाफी समर्थक राजनीतिक दल की स्थापना करना चाहते थे. माल्टा में विमान दिन में 11 बजकर 32 मिनट (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार दस बजकर 32 मिनट) उतरा.
हवाईअड्डे के टरमैक पर एक घंटे से ज्यादा समय तक खड़ा रहने के बाद एयरबस ए320 का दरवाजा खुला और सीढ़ियों से महिलाओं एवं बच्चों का पहला समूह उतरते दिखा. गहन बातचीत करने के साथ इसके कुछ मिनट बाद दर्जनों और यात्रियों को रिहा कर दिया गया. माल्टा सरकार के अनुसार, देश की सेना के प्रमुख ने बातचीत का नेतृत्व किया.
कुल मिलाकर विमान में 111 यात्री थे, जिनमें 28 महिलाएं, एक बच्ची और चालक दल के सात सदस्य शामिल थे.
इससे पूर्व माल्टा के प्रधानमंत्री जोसेफ मस्कट और सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी थी कि अपहृत विमान को भूमध्य सागर के द्वीप माल्टा में शुक्रवार को उतारा गया. विमान में 118 लोग (चालक दल के सात सदस्यों समेत) सवार थे.
अफ्रीकियाह एयरवेज द्वारा संचालित यह एयरबस ए-320 लीबिया के सभा शहर से राजधानी त्रिपोली जा रही था. अपहरणकर्ता उसे मोड़कर माल्टा ले गए.
जोसेफ मस्कट ने पहले ट्वीट कर जानकारी दी थी कि 'सबहा से त्रिपोली की अफ्रीकियाह की उड़ान का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया और विमान माल्टा में उतरा है. सुरक्षा सेवाएं अभियान का समन्वय कर रही हैं'. लीबिया ने इसकी पुष्टि की कि विमान का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया है.
माल्टा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एमएआई) ने भी ट्वीट के जरिए कहा कि, 'एमआईए इसकी पुष्टि करता है कि हवाई अड्डे पर गैरकानूनी गतिविधि हुई है. आपात टीमें रवाना कर दी गई हैं'. हवाई पट्टी पर विमान को सैन्य वाहनों द्वारा घेराबंदी किए हुए देखा जा सकता है और सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है.
मुअम्मर कज्जाफी को 2011 में सत्ता से हटाए जाने के बाद लीबिया में अराजकता की स्थिति है, क्योंकि मिलीशिया देश के अलग अलग क्षेत्रों पर नियंत्रण के लिए संघषर्रत हैं.
(इनपुट भाषा से भी)
माल्टा के पीएम जोसेफ मस्कट ने ट्विटर पर लिखा, 'चालक दल के आखिरी सदस्य विमान से अपहरणकर्ताओं के साथ बाहर निकल रहे हैं'. कुछ मिनटों के बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया, 'अपहरणकर्ताओं ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उनकी तलाशी ली गयी और फिर उन्हें हिरासत में ले लिया गया'. लीबिया के विदेश मंत्री ताहिर सियाला ने कहा कि दोनों अपहरणकर्ता मृत तानाशाह मुअमर कज्जाफी के समर्थक हैं और उन्होंने माल्टा में राजनीतिक शरण मांगा थी.
उन्होंने कहा कि अपहरणकर्ता कज्जाफी समर्थक राजनीतिक दल की स्थापना करना चाहते थे. माल्टा में विमान दिन में 11 बजकर 32 मिनट (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार दस बजकर 32 मिनट) उतरा.
हवाईअड्डे के टरमैक पर एक घंटे से ज्यादा समय तक खड़ा रहने के बाद एयरबस ए320 का दरवाजा खुला और सीढ़ियों से महिलाओं एवं बच्चों का पहला समूह उतरते दिखा. गहन बातचीत करने के साथ इसके कुछ मिनट बाद दर्जनों और यात्रियों को रिहा कर दिया गया. माल्टा सरकार के अनुसार, देश की सेना के प्रमुख ने बातचीत का नेतृत्व किया.
कुल मिलाकर विमान में 111 यात्री थे, जिनमें 28 महिलाएं, एक बच्ची और चालक दल के सात सदस्य शामिल थे.
इससे पूर्व माल्टा के प्रधानमंत्री जोसेफ मस्कट और सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी थी कि अपहृत विमान को भूमध्य सागर के द्वीप माल्टा में शुक्रवार को उतारा गया. विमान में 118 लोग (चालक दल के सात सदस्यों समेत) सवार थे.
अफ्रीकियाह एयरवेज द्वारा संचालित यह एयरबस ए-320 लीबिया के सभा शहर से राजधानी त्रिपोली जा रही था. अपहरणकर्ता उसे मोड़कर माल्टा ले गए.
जोसेफ मस्कट ने पहले ट्वीट कर जानकारी दी थी कि 'सबहा से त्रिपोली की अफ्रीकियाह की उड़ान का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया और विमान माल्टा में उतरा है. सुरक्षा सेवाएं अभियान का समन्वय कर रही हैं'. लीबिया ने इसकी पुष्टि की कि विमान का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया है.
माल्टा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एमएआई) ने भी ट्वीट के जरिए कहा कि, 'एमआईए इसकी पुष्टि करता है कि हवाई अड्डे पर गैरकानूनी गतिविधि हुई है. आपात टीमें रवाना कर दी गई हैं'. हवाई पट्टी पर विमान को सैन्य वाहनों द्वारा घेराबंदी किए हुए देखा जा सकता है और सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है.
मुअम्मर कज्जाफी को 2011 में सत्ता से हटाए जाने के बाद लीबिया में अराजकता की स्थिति है, क्योंकि मिलीशिया देश के अलग अलग क्षेत्रों पर नियंत्रण के लिए संघषर्रत हैं.
(इनपुट भाषा से भी)
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