विज्ञापन

1972 में फोन, तो 1996 में मोबाइल को बना दिया था 'बम', मोसाद के लिए क्‍यों 'नामुमकिन' कुछ भी नहीं

Lebanon Pager Explosion: हिजबुल्‍लाह क्‍या, शायद ही किसी ने सोचा होगा कि लगभग 100 ग्राम वजनी कम्‍युनिकेशन डिवाइस पेजर के जरिए भी किसी की हत्‍या की जा सकती है. इजरायल ने अभी तक इस हमले की जिम्‍मेदारी नहीं ली है, लेकिन मोसाद ऐसे हमले करने में एक्‍सपर्ट है.

इजरायल का बाएं हाथ का खेल है कम्‍युनिकेशन डिवाइस को 'बम' बनाना

Lebanon Pager Attack: लेबनान में पेजर को 'बम' किसने बनाया? ये सवाल दुनियाभर के लोगों के जेहन में उठ रहा है. एक साथ सैकड़ों पेजर में विस्‍फोट कराना, कोई साधारण घटना नहीं है. इस हमले को अंजाम देने का शक सबसे पहले इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद पर जा रहा है. हिजबुल्लाह ने भी इजरायल पर ही अंगुली उठाई है. हालांकि, इजरायल ने अभी तक इस हमले की जिम्‍मेदारी नहीं ली है, लेकिन मोसाद ऐसे हमले करने में एक्‍सपर्ट है... इतिहास इस बात का गवाह है. मोसाद ने सिर्फ 50 ग्राम विस्फोटक से बड़े-बड़े दुश्‍मनों को ठिकाने लगाया है. ऐसे में कोई हैरानी नहीं होगी, अगर मोसाद ने ही हिजबुल्‍लाह पर 'पेजर बम अटैक' किया हो.  

एक साथ सैकड़ों पेजरों में ब्‍लास्‍ट 

लेबनान के लोग मंगलवार को तब दहशत में आ गए, जब एक के बाद एक पेजर फटने लगे. सैकड़ों पेजरों में एक साथ विस्फोट होने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 2,700 से अधिक घायल हो गये. गौर करने वाली बात यह भी है कि 'पेजर अटैक' का शिकार होने वाले ज्यादातर हिजबुल्लाह सदस्य हैं. घायलों में 200 के लगभग की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. ऐसे में मरनेवालों की संख्‍या बढ़ सकती है. लेबनान के अल-जदीद टीवी चैनल ने इजरायली सेना पर इन पेजर की बैटरियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया, जिसके कारण विस्फोट हुए. हालांकि, अभी तक इसकी पुख्‍ता जानकारी नहीं मिल पाई है कि आखिर, विस्‍फोट कैसे हुए.

Latest and Breaking News on NDTV

1972 में म्यूनिख ओलंपिक हमले का बदला लेकर दुनिया को चौंकाया

इजरायली जासूसों का दशकों पुराना इतिहास रहा है कि वे टेलीफोन और तकनीक का इस्‍तेमाल कर न सिर्फ अपने दुश्‍मनों पर निगरानी, बल्कि उनकी हत्‍या भी करते रहे हैं. सितंबर 1972 में म्यूनिख ओलंपिक में 11 इजरायली एथलीटों की हत्या के लिए फिलिस्तीन मुक्ति संगठन से बदला लेने के लिए मोसाद ने ऐसे ही ऑपरेशन को अंजाम दिया था, जिससे पूरी दुनिया हैरान रह गई थी. मोसाद के एजेंटों  ने पेरिस में पीएलओ के प्रतिनिधि महमूद हमशारी द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन के प्‍लेटफॉर्म को बड़ीी होशियारी से बदल दिया था. वो 8 दिसंबर का दिन था... महमूद हमशारी ने जैसे ही अपना फोन उठाया, वैसे ही पास की एक इजरायली टीम ने फोन में लगाए गए विस्फोटकों को दूर से विस्फोट कर दिया. इस धमाके में हमशारी ने एक पैर खो दिया और बाद में उसकी मौत हो गई. 

Latest and Breaking News on NDTV

1996 का ऑपरेशन, सेल फोन को बना दिया था 'बम' 

हमास के बम बनाने में माहिर याह्या अय्याश को भी 1996 में इजरायल ने 'सेल फोन बम अटैक' में ढेर कर दिया था. याह्या अय्याश  दर्जनों इजरायलियों की हत्या के लिए जिम्मेदार था. इजरायल ने याह्या अय्याश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई और अय्याश के सहयोगी के जरिए उस तक एक मोटोरोला अल्‍फा सेल फोन पहुंचा दिया. याह्या अय्याश इस फोन को इस्‍तेमाल कर रहा था. इस फोन पर याह्या अय्याश के पिता के नाम से एक कॉल आया, जैसे ही उसने फोन रिसीव किया, वैसे ही धमाका हुआ और खेल खत्‍म. इस पूरी साजिश इजरायल के द्वारा रची गई. इस फोन के अंदर इजरायल की खुफिया एजेंसी ने 50 ग्राम विस्‍फोटक छिपा दिया था. इतना विस्‍फोटक कान से लगाने वाले किसी भी व्यक्ति को मार सकता था. ये दोनों घटनाएं अब इजरायली जासूसी किंवदंती का हिस्सा बन गई हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

हिजबुल्‍लाह ने सोचा भी नहीं होगा पेजर से होगा हमला 

हिजबुल्‍लाह क्‍या, शायद ही किसी ने सोचा होगा कि लगभग 100 ग्राम वजनी कम्‍युनिकेशन डिवाइस पेजर के जरिए भी किसी की हत्‍या की जा सकती है. दरअसल, लेबनानी आतंकवादी समूह ने इजरायल की निगरानी से बचने के लिए पेजर का सहारा लिया था. हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह ने सार्वजनिक रूप से अपने कार्यकर्ताओं से स्मार्टफोन का इस्तेमाल बंद करने की अपील की थी, क्योंकि इजरायल ने लगभग एक साल तक अपने कमांडरों के खिलाफ हमलों को तेज कर दिया था. लेकिन उनको कहां पता था कि जिस पेजर के इस्‍तेमाल की वो सलाह दे रहे हैं, वही लोगों की मौत की वजह बन जाएगा.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com