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परिंदा भी पर नहीं मार सकता.. पूरी दुनिया में क्यों नॉर्थ-साउथ कोरिया के बॉर्डर की चर्चा

अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, 18 जून को उत्तर कोरियाई के कई सैनिकों द्वारा सीमा पार करने के चलते दक्षिण कोरिया की सेना ने चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाईं थी

परिंदा भी पर नहीं मार सकता.. पूरी दुनिया में क्यों नॉर्थ-साउथ कोरिया के बॉर्डर की चर्चा
उत्तर कोरिया के उकसावे से क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा : दक्षिण कोरिया

दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है और इन दोनों देशों को अलग करने वाले असैन्यीकृत क्षेत्र (डीएमजेड) पर भारी सेना तैनात की गई है. ये क्षेत्र इस समय भारी हथियारों से लैस है. दोनों देशों ने 248 किलोमीटर लंबे और 4 किलोमीटर चौड़े डीएमजेड को युद्ध क्षेत्र में बदल दिया है. दो मिलियन बारूदी सुरंगें, कांटेदार तार की बाड़ें, टैंक और दोनों देशों के हजारों सैनिक इस जगह तैनात हैं. 

असैन्यीकृत क्षेत्र (डीएमजेड) वह क्षेत्र होता है जिसमें देशों के बीच संधियों या समझौतों के तहत सैन्य गतिविधियां प्रतिबंधित होती हैं.

सीमा पर चलीं गोलियां

अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, 18 जून को उत्तर कोरियाई के कई सैनिकों द्वारा सीमा पार करने के चलते दक्षिण कोरिया की सेना ने चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाईं थी. 20 से 30 उत्तर कोरियाई सैनिक सुबह-सुबह सीमा पार कर गए थे. इस महीने यह तीसरी ऐसी घटना थी. संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने कहा कि यह घटना गुरुवार को उस समय हुई जब उत्तर कोरियाई सैनिकों ने लगभग 11 बजे (02:00 जीएमटी) असैन्यीकृत क्षेत्र (डीएमजेड) के मध्य से गुजरने वाली सैन्य सीमांकन रेखा को पार कर लिया. हमारी सेना द्वारा चेतावनी के तौर चलाई गई गोलियों के बाद, उत्तर कोरियाई सैनिक उत्तर की ओर वापस चले गए.

अल जजीरा के अनुसार, 4 जून (मंलगवार) और 9 जून को भी ऐसी ही घटनाएं हुईं, दोनों बार उत्तर कोरिया के सैनिक दक्षिण कोरिया द्वारा चेतावनी के तौर पर गोलियां दागे जाने के बाद तुरंत पीछे हट गईं.

उत्तर कोरिया ने तोड़ा सैन्य समझौता

परमाणु हथियार वाले उत्तर कोरिया ने 2018 के सैन्य समझौते तोड़ने के बाद से सीमा पर और अधिक सैनिकों और उपकरणों को तैनात किया है.  इस साल अप्रैल में एक सैन्य अधिकारी ने दावा किया था कि उत्तर कोरिया ने सीमा पार सड़कों को बंद करने के लिए दोनों कोरिया को अलग करने वाले डीएमजेड के भीतर एक अंतर-कोरियाई सड़क पर बारूदी सुरंगें स्थापित की हैं. योनहाप समाचार एजेंसी ने अधिकारी के हवाले से बताया था कि सेना ने पिछले साल के अंत में सोल से 85 किमी उत्तर-पूर्व में चेओरवोन में एरोहेड हिल के पास डीएमजेड के अंदर कच्ची सड़क पर उत्तर की ओर से माइंस बिछाने का पता लगाया था.

यह रास्ता 1950-53 के कोरियाई युद्ध के दौरान पहाड़ी के पास मारे गए लोगों के अवशेषों की खुदाई के संयुक्त प्रयासों के लिए दक्षिण और उत्तर को जोड़ने के लिए 2018 के अंतर-कोरियाई सैन्य समझौते के तहत बनाया गया था. पिछले साल के अंत से, उत्तर कोरिया ने दोनों कोरिया के बीच सभी सड़कों पर बारूदी सुरंगें लगा दी हैं. जनवरी में, उत्तर कोरियाई सैनिकों को दो अंतर-कोरियाई सड़कों - दक्षिण कोरिया के पश्चिमी सीमावर्ती शहर पाजू और उत्तर कोरिया के काएसोंग के बीच ग्योंगुई सड़क और पूर्वी तट के साथ डोंगहे सड़क- पर बारूदी सुरंगें लगाते हुए देखा गया था. सेना ने यह भी पाया था कि उत्तर कोरिया ने दोनों सड़कों पर दर्जनों स्ट्रीट लाइटें हटा दी.

प्योंगयांग रूस के समझौते ने बढ़ाई चिंता

यह घटना ऐसे समय पर हो रही हैं जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 24 वर्षों में पहली बार प्योंगयांग की यात्रा पर आए और दोनों देशों ने एक आपसी रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते से सियोल, टोक्यो और वाशिंगटन में चिंता बढ़ गई है.

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इस वजह से उत्तर कोरिया ने उठाया ये कदम 

यह कदम उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन द्वारा दक्षिण कोरिया के साथ एकीकरण की दशकों पुरानी नीति को खत्म करने और उनके संबंधों को "एक-दूसरे के प्रति शत्रुतापूर्ण दो राज्यों" के रूप में परिभाषित करने के आह्वान के बाद उठाया गया. जनवरी में, किम ने सीमा पर अंतर-कोरियाई संचार के सभी चैनलों को अवरुद्ध करने के लिए "सख्त" उपायों के निर्देश दिए थे. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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