सोल:
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया में सीमा पर जारी तनाव को ख़त्म करने के लिए तीन दिनों तक चली लंबी बातचीत के बाद एक समझौते पर सहमति बन गई है। बताया जा रहा है कि समझौते के मुताबिक़ दक्षिण कोरिया सीमा पार से उत्तर कोरिया के ख़िलाफ़ कोई दुष्प्रचार नहीं करेगा। साथ ही हाल की घटनाओं के लिए उत्तर कोरिया खेद जताएगा।
हाल ही में दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया पर सीमा पर बारुदी सुरंग बिछाने का आरोप लगाया था, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। हालांकि उत्तर कोरिया इन आरोपों से इनकार कर रहा था। दरअसल, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के शीर्ष स्तर के वार्ताकारों ने दोनों देशों के बीच गतिरोध की स्थिति समाप्त करने के लिए वार्ता की थी। गतिरोध के कारण दोनों प्रतिद्वंद्वी देश सशस्त्र संघर्ष की कगार पर खड़े थे।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार किम क्वान जिन और उनके उत्तर कोरियाई समकक्ष ह्वांग प्योंग सो के बीच यह वार्ता पांमुन्जोम गांव में हुई, जहां 1950 से 1953 के बीच कोरियाई युद्ध संघर्षविराम समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। दूसरे दौर की वार्ता में दक्षिण कोरिया ने दावा किया था कि उत्तर कोरिया सीमा पर अतिरिक्त तोपखाना इकाइयां लगाकर और दर्जनों पनडुब्बियां तैनात करके वार्ता की प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच यह गतिरोध इस माह की शुरुआत में सीमा पर बारूदी सुरंग में विस्फोटों के बाद से शुरू हुआ है। इन विस्फोटों में दक्षिण कोरिया के दो सैन्यकर्मी घायल हो गए थे। दक्षिण कोरिया का आरोप है कि यह सुरंग उत्तर कोरिया ने बिछाई थी, जबकि उत्तर कोरिया ने इन विस्फोटों में किसी भी भूमिका से इनकार किया है और दक्षिण कोरिया को चेतावनी दी है कि वह उसके खिलाफ चलाए जा रहे 'मनोवैज्ञानिक युद्ध' को समाप्त करें या फिर हमले के लिए तैयार हो जाए।
पिछले सप्ताह ही उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने सेना को 'युद्ध जैसी स्थिति' के लिए तैयार रहने का आदेश दिया था। इसके साथ ही उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल बैठक बुलाने की मांग भी की है।
हाल ही में दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया पर सीमा पर बारुदी सुरंग बिछाने का आरोप लगाया था, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। हालांकि उत्तर कोरिया इन आरोपों से इनकार कर रहा था। दरअसल, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के शीर्ष स्तर के वार्ताकारों ने दोनों देशों के बीच गतिरोध की स्थिति समाप्त करने के लिए वार्ता की थी। गतिरोध के कारण दोनों प्रतिद्वंद्वी देश सशस्त्र संघर्ष की कगार पर खड़े थे।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार किम क्वान जिन और उनके उत्तर कोरियाई समकक्ष ह्वांग प्योंग सो के बीच यह वार्ता पांमुन्जोम गांव में हुई, जहां 1950 से 1953 के बीच कोरियाई युद्ध संघर्षविराम समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। दूसरे दौर की वार्ता में दक्षिण कोरिया ने दावा किया था कि उत्तर कोरिया सीमा पर अतिरिक्त तोपखाना इकाइयां लगाकर और दर्जनों पनडुब्बियां तैनात करके वार्ता की प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच यह गतिरोध इस माह की शुरुआत में सीमा पर बारूदी सुरंग में विस्फोटों के बाद से शुरू हुआ है। इन विस्फोटों में दक्षिण कोरिया के दो सैन्यकर्मी घायल हो गए थे। दक्षिण कोरिया का आरोप है कि यह सुरंग उत्तर कोरिया ने बिछाई थी, जबकि उत्तर कोरिया ने इन विस्फोटों में किसी भी भूमिका से इनकार किया है और दक्षिण कोरिया को चेतावनी दी है कि वह उसके खिलाफ चलाए जा रहे 'मनोवैज्ञानिक युद्ध' को समाप्त करें या फिर हमले के लिए तैयार हो जाए।
पिछले सप्ताह ही उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने सेना को 'युद्ध जैसी स्थिति' के लिए तैयार रहने का आदेश दिया था। इसके साथ ही उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल बैठक बुलाने की मांग भी की है।
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