हार्वर्ड की ओर से व्हाइट हाउस के नीतिगत बदलावों को मानने से इनकार करने के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विश्वविद्यालय को उसके टैक्स छूट के दायरे से बाहर करने की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि हार्वर्ड का टैक्स छूट खत्म कर देना चाहिए और उस पर एक राजनीतिक इकाई के रूप में टैक्स देना चाहिए. उन्होंने यूनिवर्सिटी को मिलने वाले 2.2 बिलियन डॉलर के फेडरल फंड पर रोक भी लगा दी है.
ट्रंप ने कहा कि अगर कॉलेज उनकी मांगों से सहमत नहीं होता है कि कॉलेज अपने संचालन के तरीके में बदलाव करे, जिसमें छात्रों का चयन और प्रोफेसरों के लिए अधिकार शामिल होंगे, तो उस पर टैक्स लगाया जाना चाहिए.

इधर छात्रों और शिक्षकों को लिखे एक पत्र में, हार्वर्ड के अध्यक्ष एलन गार्बर ने सरकार की बात नहीं मानने की कसम खाई और कहा कि कॉलेज अपनी स्वतंत्रता या अपने संवैधानिक अधिकारों पर बातचीत नहीं करेगा.

ट्रंप प्रशासन की तरफ से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पास बदलावों की लिस्ट 3 अप्रैल को पहुंची थी. अमेरिका के 140 साल पुराने संस्थान हार्वर्ड विश्वविद्यालय को ट्रंप प्रशासन ने अपने पत्र में कहा कि यूनिवर्सिटी को अपने शासन, हायरिंग के तरीकों और एडमिशन प्रक्रियाओं में बदलाव करना चाहिए. इसमें अधिकारियों को विविधता कार्यालयों (डायवर्सिटी ऑफिस) को बंद करने और अंतरराष्ट्रीय छात्रों की स्क्रीनिंग के लिए इमिग्रेशन अधिकारियों के साथ सहयोग करने का आदेश दिया गया था.
इसमें आगे कहा गया, "हाल के सालों में कैंपस से अंदर पढ़ने-सीखने में जो रूकावट आई है, वह अस्वीकार्य है. अब समय आ गया है कि ये प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी इस समस्या को गंभीरता से ले और यदि वे टैक्सपेयर्स का समर्थन हासिल करना जारी रखना चाहते हैं तो सार्थक बदलाव के लिए प्रतिबद्ध हों."
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