प्रसिद्ध भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ हरगोबिंद खुराना का मैसाचुसेट्स में निधन हो गया। उन्हें 1968 में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
वाशिंगटन:
जाने-माने भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ हरगोबिंद खुराना का मैसाचुसेट्स के कॉनकॉर्ड में निधन हो गया। खुराना को 1968 में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह 89 वर्ष के थे। वह एमआईटी में जीव विज्ञान एवं रसायन विज्ञान के प्रोफेसर थे। इस हफ्ते की शुरुआत में उनका निधन हुआ। उन्हें 1968 में दो अन्य वैज्ञानिकों के साथ नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह सम्मान आरएनए के न्यूक्लियोटाइड सीक्वेंस को सुलझाने और जेनेटिक कोड को समझने के लिए दिया गया था। उस समय वह विसकोंसिन विश्वविद्यालय में कार्यरत थे। उनके परिवार में पुत्री जूलिया और पुत्र डेव हैं। खुराना का जन्म एकीकृत भारत के पंजाब प्रांत के रायपुर में 1922 में हुआ था। वह इलाका अब पाकिस्तान में है। खुराना को एक ऐसे वैज्ञानिक के तौर पर जाना जाता है, जिसने डीएनए रसायन में अपने उम्दा काम से जीव रसायन (बायोकेमिस्ट्री) के क्षेत्र में क्रांति ला दी। विसकांसिन-मेडिसिन विश्वविद्यालय में जीव रसायन के प्रोफेसर असीम अंसारी ने कहा, विसकोंसिन में 1960 से 1970 में जो काम उन्होंने किया, वह नई वैज्ञानिक खोजों और प्रगति को प्रेरित करना जारी रखे हुए है।