विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ संबंध 'मुश्किल' बने हुए हैं, क्योंकि वह खुले तौर पर भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देता है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस्लामाबाद नई दिल्ली के साथ सहयोग करने के प्रति गंभीर है तो उसे आतंकवादी गतिविधियों के लिए वांटेड भारतीयों को सौंप देना चाहिए जो पाकिस्तान में रह रहे हैं. उन्होंने फ्रांसीसी दैनिक 'ला मोंडे' के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान भारत में आतंकवादियों को भेजने से इनकार नहीं करता है.
दोनों देशों के संबंधों पर उन्होंने कहा, 'कई वर्षों से यह संबंध मुश्किलभरे रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तान ने एक महत्वपूर्ण आतंकवादी उद्योग विकसित किया है और हमले करने के लिए आतंकवादियों को भारत भेजता है. पाकिस्तान खुद इस स्थिति से इनकार नहीं करता है.' उनसे पाकिस्तानी विदेश मंत्री के हालिया बयान के बारे में सवाल किया गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत के साथ संबंध 'लगभग न के बराबर' हैं.
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एस जयशंकर ने कहा, 'अब, मुझे बताएं, कौन सा देश ऐसे पड़ोसी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार होगा जो उसके खिलाफ खुलेआम आतंकवाद को बढ़ावा देता है. हमें ऐसी कार्रवाइयों की आवश्यकता है जो सहयोग करने की वास्तविक इच्छा प्रदर्शित करें.' उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए, आतंकवादी गतिविधियों के लिए वांछित भारतीय अपराधी पाकिस्तान में रह रहे हैं. हम पाकिस्तान से उन्हें सौंप देने को कह रहे हैं.' वह स्पष्ट रूप से माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम जैसे अपराधियों का जिक्र कर रहे थे, जिनके बारे में माना जाता है कि वह पाकिस्तान में छिपा है.
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कश्मीर की स्थिति के बारे में जयशंकर ने कहा कि अगस्त में 'सुधारों' के कारण कुछ एहतियाती उपाय किए गए ताकि कट्टरपंथी और अलगाववादी तत्वों की ओर से हिंसक कार्रवाई के खतरे को टाला जा सके. स्थिति अब सामान्य हो रही है. अगस्त में भारत ने प्रदेश को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था. विदेश मंत्री ने कहा कि इन प्रतिबंधों को धीरे-धीरे कम कर दिया गया है और स्थिति सामान्य होने के साथ-साथ टेलीफोन और मोबाइल लाइनों को बहाल कर दिया गया है. दुकानें खुली हुई हैं और सेब की खेती हो रही है. स्थिति पुन: सामान्य हो गईं हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में जैसे ही चीजें सुरक्षित हो जाएंगी, विदेशी पत्रकारों का स्वागत किया जाएगा.
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