हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जेहाद ने सीज़फ़ायर प्रस्ताव पर अपनी तरफ़ से क़तर और इजिप्ट को जवाब भेजा है. इजिप्ट और क़तर इस मामले में मध्यस्थता कर रहे हैं. ये सीज़फ़ायर फॉर्मूला अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ़ से 31 मई को पेश किया गया था. इसमें तीन चरणों में सीज़फ़ायर, इज़राइली बंधकों और फिलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई, ग़ाज़ा को बड़े पैमाने पर मानवीय मदद और ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण की बात की गई है.
सीज़फ़ायर के इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी अपना समर्थन दिया है. 15 सदस्य देशों में रूस ग़ैरहाज़िर रहा और बाक़ी 14 ने सीज़फ़ायर के पक्ष में मत दिया. सीज़फायर के इस प्रस्ताव को हमास माने इसे लेकर दबाव बनाने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकेन पश्चिमी एशिया का आठवीं बार दौरा भी किया.
हमास ने अपने जवाब में कहा है कि वो युद्धविराम समझौते तक पहुंचने के लिए तैयार है. हालांकि, इसमे उसकी तरफ़ से कुछ संशोधन किया गया है. कुछ टिप्पणियां भी की गई हैं. जैसे कि उसने कहा है कि हमास की प्राथमिकता ग़ाज़ा में इज़राइल के हमले पूरी तरह से रोके जाने को लेकर है. जवाब में लिखा गया है कि पूरे ग़ाज़ा से इज़राइली सैनिक पूरी तरह से बाहर निकलें. इसमें राफाह क्रॉसिंग और फिलिडेल्फ़ी कॉरिडोर पर कब्ज़ा इज़राइली कब्ज़ा छोड़ने की मांग भी की गई है.
हमास के एक उच्च अधिकारी ओसामा हमदान ने मीडिया से कहा कि हमास ने युद्धविराम समझौते के प्रस्ताव में अपनी बातों को जोड़ कर मध्यस्थों को सौंप दिया है. हालांकि, हमास की तरफ़ से कोई सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन उसके अधिकारी के मुताबिक़ हमास इस बात को लेकर अडिग है कि जो समझौता हो उसके तहत ग़ाज़ा में इज़राइली हमले पूरी तरह से रोके जाएं, ग़ाज़ा से इज़राइली सैनिक वापस जाएं, ग़ाज़ा का पुनर्निर्माण हो और फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को छोड़ा जाए.
हमास का जवाब मिलने के बाद क़तर और मिस्र ने साझा बयान जारी कर कहा कि वो इसका अध्ययन कर रहे हैं और जब तक समझौते पर बात बन नहीं जाती दोनों देश अमेरिका के साथ मिल कर इस बाबत कोशिश करते रहेंगे. उधर अमेरिका ने भी कहा है कि वो हमास के जवाब का आकलन कर रहा है.
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