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इजरायल बदला लेने में यकीन रखता है. वह घर में घुसकर दुश्मनों को मारता रहा है. लेकिन ये पहली बार है जब उसे खून का घूंट पीकर रहना पड़ा है. इजरायल ने अब तक हमास के घर में घुसकर उसको सबक सिखाया. लेकिन इस बार हमास की हरकत से इजरायल को गुस्से से लाल है. दोनों के बीच जनवरी में सीजफायर समझौता हुआ था, जिसके तहत बंधकों को रिहा करना था. लेकिन हमास ने गुरुवार को इजरायली बंधकों को नहीं भेजा और न ही उनकी लाशों को भेजा, भेजे तो सिर्फ उनके अवशेष. दो नन्हें बच्चों को ताबूत में देख इजरायल का क्या हाल हुआ होगा, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. इजरायल की मानें तो बच्चों की मां शिरी बिबास का शव तो ताबूत में था ही नहीं. किसी अज्ञात के अवशेष उनको भेजे गए. हमास की इस हरकत के बाद डर यही है कि कहीं ये समझौता टूट न जाए.
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(हमास की कैद में बंधकों की मौत पर इजरायल में कैंडल मार्च)
सीजफायर समझौते के बाद लगा था कि इजरायल और हमास के बीच की टेंशन खत्म हो जाएगी. लेकिन अब ऐसा लग नहीं रहा. बंधकों के अवशेष देखकर इजरायल इस कदर बौखलाया गया है कि वह क्या कर देगा ये कोई नहीं जानता. ये सीजफायर समझौता तो कभी इजरायल के दिमाग की उपज थी ही नहीं. न ही नेतन्याहू इसके लिए राजी थे. ट्रंप की कोशिशों की वजह से ही ये संभव हो पाया. हमास की लगाई ये चिंगारी कभी भी बड़ी आग में तब्दील हो सकती है.
हमास ने इजरायल को सौंपे चार बंधकों के शव
इजरायल ने कहा कि वापस दिए गए चारों शवों में एक अज्ञात है. उसकी पहचान किसी भी बंधक के तौर पर नहीं हुई है. जबकि मारे गए बच्चों के नाम एरियल और कफीर है. दोनों की पहचान इजरायली सेना ने कर ली है. उनका कहना है कि बच्चों की मां बिबास का शव वापस नहीं लौटाया गया. उसका शव भी वापस लौटाए जाए. वहीं हमास से ये भी पूछा कि सीजफायर समझौता होने के बाद भी ये मौतें हुईं कैसे. यूएन भी इसे सीजफायर समझौते का उल्लंघन बता रहा है. वहीं शिरी बिबीस का शव नहीं लौटाए जाने पर यूएन भी हमास पर दबाव बना रहा है.
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(हमास की कैद में बंधकों की मौत पर इजरायल में शोक)
काले ताबूत में भेजे गए बंधकों के शव
हमास के आतंकियों ने चारों शवों को काले ताबूतों रखकर गाज़ा पट्टी पर भेज दिया. इन ताबूत के चारों तरफ बैनर लगे हुए थे. इनमें से एक बैनर पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भूत के रूप में दिखाया गया था. हमास के लड़ाकों ने ही इन ताबूतों को रेड क्रॉस के वाहनों तक पहुंचाया. जिसके बाद रेड क्रॉस के कर्मियों ने शवों को सफेद कपड़ों से लपेटकर वाहनों में रखा. इसके बाद रेड क्रॉस का काफिला शवों को लेकर इजरायल पहुंचा.
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(हमास की कैद में बंधकों की मौत पर इजरायल में कैंडल मार्च)
DNA टेस्ट से होगी शवों की पहचान
इजरायली अधिकारी डीएनए टेस्ट के जरिए इन शवों की औपचारिक पहचान करेंगे. ये परीक्षण पूरा होने में करीब दो दिन लग सकते हैं. पहचान प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही परिवारों को अंतिम सूचना दी जाएगी. इजरायली सेना ने भी उन चार बंधकों के शव मिलने की पुष्टि की है, जिनको हमास ने गाजा पट्टी में 'रेड क्रॉस' को सौंपा था.
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