हमास के पॉलिटिकल विंग के चीफ इस्माइल हानिया की हत्या से दुनिया सकते में हैं. अब उनकी हत्या को लेकर कई फैक्ट्स और रिपोर्टें सामने आ रही हैं कि इस हत्याकांड को तेहरान के गेस्टहाउस में कैसे अंजाम दिया गया? ईरान सीधे तौर पर इस हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार मान रहा है.वहीं ईरानी सेना के लिए भी यह हत्याकांड शर्मिंदगी का सबब है, क्योंकि वहां सुरक्षा की जिम्मेदारी उसके पास ही थी.
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हानिया की हत्या 2 महीने पहले ही तय थी!
माना जा रहा है कि इजरायल ने हानिया को मौत की नींद सुला दिया, लेकिन इसकी जिम्मेदारी उसने अभी तक नहीं ली है. खास बात यह है कि हानिया की हत्या आकस्मिक नहीं बल्कि पूर्व नियोजित थी. हानिया की हत्या की पटकथा 2 महीने पहले ही लिख दी गई थी. ये दावा अमेरिकी मीडिया का है.
60 दिन पहले ही गेस्ट हाउस में छिपाया बम!
हानिया की हत्या के लिए तेहरान के उस गेस्ट हाउस में बम दो महीने पहले ही प्लांट कर दिया गया था. यह दावा अमेरिकी अखबार 'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने 2 ईरानी, 1 अमेरिकी समेत मध्य-पूर्व के 75 अधिकारियों से बातचीत के आधार पर किया है. जिस बम धमाके में हानिया मारा गया है, उसे गेस्ट हाउस में 60 दिन पहले ही छिपा दिया गया था, जहां हानिया तेहरान में ठहरा था. तेहरान के करीब नेशात में कॉम्प्लेक्स के इस गेस्ट हाउस का संचालन और सुरक्षा की जिम्मेदारी ईरानी सेना की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ( IRGC) के पास की थी.
उस दिन क्या हुआ था?
हानिया की हत्या की योजना कई महीने पहले बनाई गई थी. इसमें हानिया का पूरा शड्यूल देखा. ये पता करना भी टास्क रहा कि हानिया कहां जाता है और रुकता कहां है. ये सब जानकारी जुटाने के बाद रची गई हानिया की मौत की वो खौफनाक साजिश.
रात के 2 बजे फटा बम, मारा गया हानिया
ईरानी और पश्चिम एशियाई अधिकारियों के मुताबिक, ईरान के समय के मुताबिक रात करीब 2 बजे बम फटा. शोर सुनकर स्टाफ दौड़कर कमरे में पहुंचा. घटना की जानकारी मिलते ही तेहरान में मौजूद हमास के डिप्टी कमांडर खलील अल-हया घटनास्थल पर पहुंचा. तुरंत ईरानी अधिकारियों को घटना की जानकारी दी गई और फिर आधी रात में ईरानी नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को जगाया गया.
हानिया की हत्या का कौन जिम्मेदार?
हमास चीफ की मौत के लिए ईरान सीधे तौर पर इजरायल को जिम्मेदार मान रहा है. हानिया की हत्या के बाद ईरान बौखलाया हुआ है.ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने उसकी मौत का बदला लेने के लिए सीधे हमला करने की कमस खाई है.वहीं इजरायल भी पूरी तरह से इस चुनौती के लिए तैयार है. इसका संकेत नेतन्याहू ने पहले ही दे दिया है. नेतन्याहू ने कहा कि आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं, लेकिन वह चुनौती के लिए तैयार हैं.
ईरान सरकार पर भी सवाल?
हानिया तेहरान के जिस गेस्ट हाउस में ठहरा था, उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ईरानी सेना के पास थी. फिर उनके ही नेता के खिलाफ इतनी बड़ी साजिश कैसे रच दी गई, जिसकी भनक उनको 2 महीने तक भी नहीं लगी. सवाल ये भी है कि इसके पीछे कहीं ईरान ही तो नहीं? हालंकि हानिया की हत्या हमास के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है.
ईरानी सेना के लिए शर्मिंदगी
अधिकारियों के मुताबिक, हानिया तेहरान के गेस्टहाउस में पहले भी कई बार रुका था. कड़ी सुरक्षा वाले गेस्ट हाउस में हत्या ईरान की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के लिए किसी तमाचे से कम नहीं है. ईरानी सेना के लिए यह शर्मिंदगी भरा है. क्यों कि जहां हानिया को मारा गया, उस जगह का इस्तेमाल सीक्रेट बैठकों और खास मेहमानों को ठहराने के लिए किया जाता है. गेस्ट हउस में बम कैसे छिपाया गया, ये साफ नहीं हो पाया है
कैसे मारा गया हानिया?
इस्माइल हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने तेहरान पहुंचा था.समारोह में शामिल होने के बाद वह वापस अपने गेस्ट हाउस में आराम करने आ गया. लेकिन उसे क्या पता था कि वहां मौत दस्तक दे रही है. जैसे ही कातिलों को पता चला होगा कि हानिया अपने कमरे में ही है, विस्फोट कर उसे हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया गया.
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