इस विवादित ज़मीन के चारों और दीवार खड़ी कर दी गई है
एबोटाबाद:
2011 में ओसामा बिन लादेन को उसके ठिकाने में घुसकर ही मार गिराया गया था, लेकिन सवाल यह है कि अब उस जगह का क्या किया जाए? इस सवाल ने पाकिस्तानी अधिकारियों को काफी दुविधा में डाल रखा है। एक तरफ उस ज़मीन पर खेल का मैदान बनाने की तैयारी चल रही है तो दूसरी तरफ उसे कब्रिस्तान बनाने के बारे में सोचा जा रहा है। कड़ी किलाबंदी वाले शहर एेबटाबाद में करीब 3800 वर्ग फुट का प्लॉट जहां कभी अल क़ायदा के नेता का घर हुआ करता था, उसके आसपास सेना ने एक दीवार खड़ी कर दी है और उसे कब्रिस्तान बनाने पर विचार किया जा रहा है।
वहीं दूसरी तरफ बिन लादेन को अमेरिका के विशेष सैन्य बल द्वारा मार गिराए जाने के बाद उस ज़मीन को वहां की स्थानीय सरकार को दे दिया गया था जो इसे खेल के मैदान में तब्दील करना चाहती है। एक तरफ सेना द्वारा चलाए जाने वाले ऐबटाबाद कैंटेनमेंट बोर्ड (CBA) के उपाध्यक्ष जुल्फीक़ार अली भुट्टो का कहना है कि 'हमने इस इमारत के आसपास एक दीवार खड़ी कर दी है ताकि कोई इस पर अतिक्रमण न कर सके और हम इसे कब्रिस्तान में बदलने वाले हैं। क्योंकि यहां पर कब्रिस्तान की भारी कमी है।'
दूसरी तरफ स्थानीय सरकार के नुमाइंदे मुश्ताख़ घनी इस जगह पर कब्रिस्तान बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। घनी का कहना है कि 'सरकार यहां खेल का मैदान बनाना चाहती है। अगर हमें फंड मिल गया तो इसी साल हम इसे प्लेग्राउंड में तब्दील कर देंगे। आप घर के बीचों बीच कब्रिस्तान नहीं बना सकते।' भुट्टो का कहना है कि सीबीए के पास अपनी योजना को अमल में लाने के लिए अधिकार हासिल हैं और वह अगले हफ्ते स्थानीय सरकार से मिलकर इस मामले का निपटारा करेंगे।
गौरतलब है कि 2 मई, 2011 में अमेरिका के एक विशेष सैन्य बल ने ओसामा बिन लादेन के इस कड़ी सुरक्षा वाले ठिकाने पर हेलिकॉप्टर रेड मारकर अल क़ायदा के नेता को मार गिराया था। इसके बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस इमारत को गिराकर इस प्लॉट को खाली छोड़ दिया, तब से यह ज़मीन खाली ही पड़ी है।
लादेन को मार गिराए जाने के बाद इस ज़मीन के भविष्य को लेकर दुविधा बनी हुई है
वहीं दूसरी तरफ बिन लादेन को अमेरिका के विशेष सैन्य बल द्वारा मार गिराए जाने के बाद उस ज़मीन को वहां की स्थानीय सरकार को दे दिया गया था जो इसे खेल के मैदान में तब्दील करना चाहती है। एक तरफ सेना द्वारा चलाए जाने वाले ऐबटाबाद कैंटेनमेंट बोर्ड (CBA) के उपाध्यक्ष जुल्फीक़ार अली भुट्टो का कहना है कि 'हमने इस इमारत के आसपास एक दीवार खड़ी कर दी है ताकि कोई इस पर अतिक्रमण न कर सके और हम इसे कब्रिस्तान में बदलने वाले हैं। क्योंकि यहां पर कब्रिस्तान की भारी कमी है।'
मिलेट्री इस ज़मीन पर कब्रिस्तान बनाना चाहती है
दूसरी तरफ स्थानीय सरकार के नुमाइंदे मुश्ताख़ घनी इस जगह पर कब्रिस्तान बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। घनी का कहना है कि 'सरकार यहां खेल का मैदान बनाना चाहती है। अगर हमें फंड मिल गया तो इसी साल हम इसे प्लेग्राउंड में तब्दील कर देंगे। आप घर के बीचों बीच कब्रिस्तान नहीं बना सकते।' भुट्टो का कहना है कि सीबीए के पास अपनी योजना को अमल में लाने के लिए अधिकार हासिल हैं और वह अगले हफ्ते स्थानीय सरकार से मिलकर इस मामले का निपटारा करेंगे।
गौरतलब है कि 2 मई, 2011 में अमेरिका के एक विशेष सैन्य बल ने ओसामा बिन लादेन के इस कड़ी सुरक्षा वाले ठिकाने पर हेलिकॉप्टर रेड मारकर अल क़ायदा के नेता को मार गिराया था। इसके बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस इमारत को गिराकर इस प्लॉट को खाली छोड़ दिया, तब से यह ज़मीन खाली ही पड़ी है।
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