- गिलानी ने सेना और अपनी सरकार के बीच टकराव को पीछे छोड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि
- उन्होंने कुछ विशेष परिस्थितियों में सेना एवं खुफिया प्रमुखों के कदमों की आलोचना की थी, जो हमेशा के लिए नहीं है।
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इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने बुधवार को सेना और अपनी सरकार के बीच टकराव को पीछे छोड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ विशेष परिस्थितियों में सेना एवं खुफिया प्रमुखों के कदमों की आलोचना की थी, जो हमेशा के लिए नहीं है।
सेना और आईएसआई प्रमुखों के खिलाफ अपनी टिप्पणी का हवाला देते हुए गिलानी ने कहा, ‘‘यह टिप्पणी उस वक्त की गई थी, जब एक साथ कई घटनाक्रम चल रहे थे और कई सरकारी कामकाज एक दूसरे के आड़े आ रहे थे।’’ उन्होंने विश्व आर्थक मंच की बैठक के लिए दावोस रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब ऐसा नहीं है। वो टिप्पणी असंवैधानिक व्यवहार अथवा सेना प्रमुख और आईएसआई प्रमुख के लिए बने नियमों के खिलाफ जाने पर थी।’’ गिलानी ने कहा, ‘‘जब संस्थाओं के बीच टकराव होगा तो देश आगे नहीं बढ़ सकता। राष्ट्रीय हित के लिए भी हमें एक साथ रहना होगा।’’
सेना और आईएसआई प्रमुखों के खिलाफ अपनी टिप्पणी का हवाला देते हुए गिलानी ने कहा, ‘‘यह टिप्पणी उस वक्त की गई थी, जब एक साथ कई घटनाक्रम चल रहे थे और कई सरकारी कामकाज एक दूसरे के आड़े आ रहे थे।’’ उन्होंने विश्व आर्थक मंच की बैठक के लिए दावोस रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब ऐसा नहीं है। वो टिप्पणी असंवैधानिक व्यवहार अथवा सेना प्रमुख और आईएसआई प्रमुख के लिए बने नियमों के खिलाफ जाने पर थी।’’ गिलानी ने कहा, ‘‘जब संस्थाओं के बीच टकराव होगा तो देश आगे नहीं बढ़ सकता। राष्ट्रीय हित के लिए भी हमें एक साथ रहना होगा।’’
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