इस्लामाबाद:
अमेरिका द्वारा आतंकियों को समर्थन देने वाले संगठनों की फेहरिस्त में आईएसआई को शुमार करने संबंधी रिपोर्टों के मद्देनजर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने खुफिया एजेंसी आईएसआई का खुल कर बचाव किया। उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसी जो कुछ भी करती है उसमें उसे पाकिस्तान सरकार का समर्थन प्राप्त होता है। इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में एक सरकारी समारोह में गिलानी ने कहा, समाचारपत्रों के माध्यम से खुफिया एजेंसियों के बाबत झूठा प्रचार किया जा रहा है। मैं इनसे कहना चाहता हूं कि खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान सरकार के तहत हैं। उन्होंने दावे के साथ कहा कि शक्तिशाली आईएसआई सहित खुफिया एजेंसियां सरकार के दिशानिर्देशों के तहत काम करती हैं। उन्होंने कहा, और सरकार की इजाजत के बगैर ये ऐसा कुछ भी नहीं कर सकती जो राष्ट्रीय हितों के खिलाफ हो। अगर आईएसआई कुछ करती है तो उसे हमारा समर्थन हासिल रहता है और हम उनके साथ हैं। गिलानी ने यह टिप्पणी अमेरिका के शीर्ष सैन्य अधिकारी माइक मुलेन के उस बयान के संदर्भ में की, जिसमें मुलेन ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका के साथ पाकिस्तान के तनावपूर्ण रिश्तों के केन्द्र में आईएसआई का लंबे समय से आतंकी संगठन हक्कानी के साथ साठगांठ का होना रहा है। विकीलीक्स के गोपनीय दस्तावेजों के खुलासे से यह बात सामने आई है कि अमेरिकी सेना ने अलकायदा, तालिबान, लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद और हरकत-उल-इस्लाम जैसे आतंकी संगठनों या इससे जुड़े संगठनों को समर्थन देने वाली संस्था के तौर पर आईएसआई को चिन्हित किया है। गुआंतनामो की जेल में हिरासत में रखे गए संदिग्ध आतंकियों की निगरानी रखने वाले अधिकारियों को मुहैया कराए गए गोपनीय दस्तावेजों में आईएसआई को आतंकी समूहों के साथ सूचीबद्ध किया गया है। इस रिपोर्ट का ऐसे समय में खुलासा हुआ है जब सीआईए से जुड़े रेमंड डेविस द्वारा जनवरी में दो पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या करने के बाद पाकिस्तानी और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के बीच का तालमेल अपने निम्न स्तर पर है।