इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी ने कहा कि भारत को शेष द्विपक्षीय मुद्दों को हल करने के लिए देश की वैध सुरक्षा चिंताओं पर प्रतिक्रिया करनी चाहिए और अधिक सकारात्मक और सहयोगी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा, पाकिस्तान भारत के साथ शांतिपूर्ण और युक्तिपूर्ण तरीके से अपने सभी मुद्दों को हल करना चाहता है। हालांकि भारत को अधिक सकारात्मक और सहयोगी भूमिका निभानी चाहिए और उसे पाकिस्तान की वैध सुरक्षा चिंताओं को लेकर प्रतिक्रिया देनी होगी। गिलानी ने देश के पश्चिमोत्तर स्थित स्वात जिले के मिंगोरा मुख्यालय में सेना द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, भारत को ऐसा कतई नहीं लगेगा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय लिखने में पाकिस्तान कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान भारत को सर्वाधिक महत्वपूर्ण सहयोगी के तौर पर देखता है और जम्मू कश्मीर के प्रमुख मुद्दे सहित सभी शेष मुद्दों को हल करने के लिए टिकाउ और परिणामोन्मुख वार्ता की प्रक्रिया की इच्छा रखता है। गिलानी ने कहा, हम गंभीरता से उम्मीद करते हैं कि व्यापक वार्ता की प्रक्रिया परिणामोन्मुख होगी। गिलानी का यह बयान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की नयी दिल्ली में इस माह आयोजित होने वाली बैठक से कुछ समय पूर्व ही दिया गया है। दोनों पक्षों ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मद्देनजर दो साल के अंतराल के बाद फरवरी माह में वार्ता की प्रक्रिया को बहाल किया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पड़ोसियों के साथ अपने देश के संबंधों के अलावा विभिन्न मुद्दों पर टिप्पणियां की जिसमें आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष शामिल है। गिलानी ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसियों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि शांति कायम हो और आतंकवाद का खात्मा हो। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में पाकिस्तान ने अपने 30,000 लोगों को खो दिया है जबकि इसमें 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी मारे गये हैं। गिलानी ने कहा, अपने राष्ट्रीय हित के अनुरूप हम आतंकवादी संगठनों के साथ संघर्ष में अपने वैश्विक सहयोगियों के साथ निकटता से काम कर रहे हैं और इस बात के प्रति दृढ़प्रतिज्ञ हैं कि हम किसी के भी खिलाफ अपनी सरजमीं का इस्तेमाल नहीं होने देंगे। पाक प्रधानमंत्री ने कहा, हमने समाज में आतंकवाद और अलगाववाद फैलाने वाले संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया। हमारी खुफिया एजेंसियों के प्रयासों से अल कायदा के सैकड़ों कार्यकर्ता पकड़े गये हैं और हमने उनके सरदारों को निशाना बनाया है। उन्होंने अमेरिका का नाम या आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को लेकर ओबामा प्रशासन के साथ तनाव का हवाला दिये बिना कहा कि पारस्पिक विश्वास में कमी को दूर करने की जरूरत है और पाकिस्तान को मौका दिया जाना चाहिए कि वह अंतरराष्ट्रीय दबाव के बिना काम कर सके।
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