- गज़ाला हाशमी वर्जीनिया में राज्यव्यापी पद जीतने वाली पहली मुस्लिम महिला और पहली दक्षिण एशियाई अमेरिकी बनी हैं
- गज़ाला हाशमी ने ट्रंप की H1B नीति को अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक और हानिकारक बताया है
- गज़ाला ने हैदराबाद के चारमीनार क्षेत्र की अपनी पुरानी यादों को याद करते हुए वहां लौटने की इच्छा जताई
हैदराबाद में जन्मीं गज़ाला हाशमी ने संयुक्त राज्य अमेरिका के वर्जीनिया राज्य में इतिहास रच दिया है. वह वर्जीनिया में राज्यव्यापी पद जीतने वाली पहली मुस्लिम महिला और पहली दक्षिण एशियाई अमेरिकी बन गई हैं. इस उपलब्धि के बाद, सीनेटर हाशमी ने NDTV की उमा सुधीर के साथ एक विशेष बातचीत में कई 'ग्लास सीलिंग्स' तोड़ने के अपने सफर और वर्जीनिया की 'लेफ्टिनेंट गवर्नर-इलेक्ट' बनने के बारे में बात की. हाशमी ने चारमीनार में खरीदारी करने के अपने पुराने दिनों को याद किया और बताया कि वह यहां वापस आने के लिए बेताब हैं.साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि H1B नीति में बदलाव अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करेंगे.
'महिलाओं को अवसरों को ना नहीं कहना चाहिए'
शिक्षक से राजनेता बनीं हाशमी सार्वजनिक शिक्षा को लेकर बेहद भावुक हैं. उन्होंने बताया कि किस तरह देश में बढ़ते ध्रुवीकरण ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया. भारतीय-अमेरिकियों के अमेरिकी राजनीति में बढ़ते प्रभाव की बात करते हुए, उनका नाम अब कमला हैरिस जैसी शख्सियतों के साथ जोड़ा जा रहा है.
'ट्रंप की H1B नीति से पड़ेगा नकारात्मक असर'
हाशमी ने यह भी चेतावनी दी कि ट्रंप की H1B नीति से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ने वाला है. उन्होंने अप्रवासी कहानी (इमिग्रेंट स्टोरी) को लेकर अपनी बात रखी और महिलाओं को अवसर मिलने पर 'ना न कहने' की सलाह दी.
'वापस हैदराबाद आने का बेसब्री से इंतजार'
यादों के गलियारों में झाँकते हुए, उन्होंने चारमीनार के आसपास की अपनी खरीदारी को याद किया और कहा कि उन्हें वापस हैदराबाद आने का बेसब्री से इंतजार है. हाशमी का यह ऐतिहासिक सफर अमेरिका में भारतीय-अमेरिकियों के बढ़ते राजनीतिक कद और 'ड्रीम इमिग्रेंट स्टोरी' का एक सशक्त उदाहरण है.
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