त्रिपोली / वाशिंगटन:
लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी के वफादार सैनिकों ने पिछले कई सप्ताह से घेरेबंदी में रहे मिसुराता शहर में शुक्रवार को प्रवेश कर लिया। इस बीच, तेल उत्पादन वाले ब्रेगा शहर में नाटो के लड़ाकू विमानों की ओर से विपक्षी बलों पर की गई गोलाबारी में चार विद्रोहियों के मारे जाने के बाद विद्रोहियों और नाटो के बीच तनाव बढ़ गया है। नाटो ने लीबियाई विद्रोहियों पर हवाई हमले के लिए माफी मांगने से इनकार करते हुए सैन्य कार्रवाई के शह-मात की ओर बढ़ने के बारे में टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया। ब्रिटिश रियर एडमिरल एवं नाटो के लीबिया में अभियान के उप कमांडर रसेल हार्डिंग ने कहा कि सैन्य गठबंधन को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि विद्रोही टैंकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे द्वारा किए गए दो हमलों में ऐसे कई विद्रोही लड़ाके मारे गए, जो टैंकों का इस्तेमाल कर रहे थे। यह पूछे जाने पर कि क्या गठबंधन ने विद्रोहियों से माफी मांगी है, हार्डिंग ने कहा, मैं माफी नहीं मांग रहा हूं। बीबीसी ने कहा कि सरकारी सैनिक पूर्वी मिसुराता जिले में आगे बढ़े हैं। मिसुराता लीबिया का तीसरा सबसे बड़ा शहर है, जो पिछले कई सप्ताह से घेरेबंदी में है। यहां पर विद्रोहियों के साथ काफी संघर्ष हुआ है। गद्दाफी विरोधी बलों ने नाटो से राजधानी त्रिपोली से 215 किलोमीटर दूर स्थित मिसुराता में हमले बढ़ाने का अनुरोध किया। विद्रोही कमांडर जनरल अब्देलफतह यूनिस ने विद्रोहियों के गढ़ बेंगाजी में कहा कि नाटो की ओर से गलती से किए गए हमले में दो लड़ाके और दो चिकित्साकर्मियों की मौत हो गई। इसके अलावा 14 अन्य घायल हो गए और छह लापता हैं। अलजजीरा ने अब्देलफतह के हवाले से कहा, नाटो ने यह हमला गलती से कर दिया था। लीबिया में नाटो के अभियान के उपकमांडर रियर एडमिरल रसेल हार्डिंग ने कहा कि वह ब्रेगा के बाहरी इलाके में किए गए उन दो हवार्ह हमलों के लिए खेद नहीं जता रहे हैं जिसके कारण हो सकता है कि कई विद्रोही लड़ाके मारे गए हों। उन्होंने कहा कि जब हवाई हमले किए गए, उस समय जमीन पर स्थितियां बहुत तेजी से बदल रहीं थीं।
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गद्दाफी, लीबिया, मिसुराता