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This Article is From Apr 05, 2011

लीबिया : विद्रोहियों ने राजनीतिक सुधारों की पेशकश ठुकराई

त्रिपोली: देश में राजनीतिक सुधारों की लीबिया सरकार की पेशकश को विद्रोहियों ने ठुकरा दी है। उनका कहना है कि देश के शासक मुअम्मार गद्दाफी और उनके पुत्रों को सत्ता में बनाए रखने वाला कोई भी प्रस्ताव उन्हें मंजूर नहीं है। समाचार चैनल 'अल जजीरा' के मुताबिक विद्रोहियों के प्रवक्ता ईमान बुघैगिस ने बेनघाजी में कहा, "इस युद्ध को विश्व और प्रत्येक लोगों ने देखा है कि गद्दाफी के पुत्र उनसे अलग नहीं हैं। वे एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।" उन्होंने कहा, "गद्दाफी अपने पुत्रों की सेना और भाड़े के सैनिकों की मदद से देश के नागरिकों के साथ लड़ रहे हैं। इसलिए हम उनमें और उनके पुत्रों में कोई अंतर नहीं देखते।" ज्ञात हो कि समाचार पत्र 'द न्यूयार्क टाइम्स' में सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया कि देश में जारी अशांति को समाप्त करने के लिए गद्दाफी के पुत्रों सैल अल-इस्लाम और सादी गद्दाफी ने अपने पिता को सत्ता से हटाने की अपनी एक योजना तैयार की है। इसके पहले कहा गया कि गद्दाफी देश में राजनीतिक सुधारों के लिए तैयार हैं, लेकिन वह सत्ता नहीं छोड़ना चाहते। उन्होंने सत्ता छोड़ने की स्थिति में देश में सोमालिया और इराक जैसे हालात की आशंका जताई है। गद्दाफी के बेटे सैफ अल-इस्लाम ने दावा किया कि विदेश मंत्री मूसा कुसा ब्रिटेन भागकर नहीं, बल्कि इलाज कराने गए हैं। बीबीसी के मुताबिक देशभर में गद्दाफी के सैनिकों और विद्रोहियों के बीच लड़ाई जारी है। मिसराता में शरणार्थियों ने गद्दाफी के सैनिकों पर नागरिकों की सरेआम हत्या का आरोप लगाया है। गद्दाफी शासन ने हालांकि इससे इनकार किया है। उसका कहना है कि सैन्य कार्रवाई केवल हथियारबंद विद्रोहियों पर ही की जा रही है। गद्दाफी के प्रवक्ता मूसा इब्राहिम ने कहा कि लीबिया की सरकार राजनीतिक सुधारों के लिए तैयार है। इसके लिए चुनाव, जनमत संग्रह या जो कुछ भी जरूरी होगा, किया जाएगा, लेकिन गद्दाफी का सत्ता में बने रहना आवश्यक है। गद्दाफी ने देश को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई है। वह लीबिया के लिए 'सेफ्टी वाल्व' की तरह हैं। यदि वह सत्ता से हटते हैं तो यहां भी इराक, सोमालिया और अफगानिस्तान जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। उन्होंने सैनिकों द्वारा नागरिकों की हत्या के आरोपों से इंकार किया और दुनिया को इसकी जांच कराने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि सैनिक हथियारबंद विद्रोहियों से लड़ रहे हैं। हथियार उठाने वाला आम नागरिक नहीं हो सकता। उधर, गद्दाफी के बेटे सैफ अल-इस्लाम ने दावा किया कि विदेश मंत्री मूसा कुसा ने सरकार को धोखा नहीं दिया है। वह सरकार की अनुमति से इलाज के सिलसिले में ब्रिटेन गए हैं, लेकिन वहां उन पर लीबिया सरकार के खिलाफ आरोप प्रत्यारोपण के लिए दबाव बनाया जा रहा है। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें धमकी दी कि है कि यदि उनके पूछताछ में उन्होंने 'सहयोग' नहीं किया तो उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। ऐसे में उम्रदराज और बीमार कुसा ब्रिटिश सरकार के दबाव में आकर तरह-तरह की बातें बना रहे हैं।

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