G7 देशों ने नेताओं ने गरीब देशों में बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं में मदद करने के साथ उच्च गुणवत्ता की पारदर्शी और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों को शुरू करने का फैसला किया है. इसे चीन के बेल्ड एंड रोड परियोजना (China's Belt and Road) का जवाब माना जा रहा है. अमेरिका की पहल पर 'बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड' प्रोजेक्ट (Build Back Better World B3W) सामने आया है.
व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया, 'इस परियोजना के सामने आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और समूह के अन्य नेताओं ने चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को संबोधित करने और निम्न और मध्यम आय वाले देशों में जबरदस्त बुनियादी ढांचे की जरूरत को पूरा करने में मदद करने के लिए ठोस कार्रवाई करने के लिए मुलाकात की.'
चीन ने सैन्यकर्मियों की मानहानि प्रतिबंधित करने के लिए बनाया नया कानून
चीन के ट्रिलियन डॉलर के प्रोजेक्ट 'बेल्ट एंड रोड' के हिस्से के रूप में छोटे देशों को असहनीय ऋण के साथ परेशान करने के लिए चीन की व्यापक रूप से आलोचना की गई, जिसने एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और यहां तक कि यूरोप में फैली परियोजनाओं के लिए पैसा उधार दिया है.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने चीन के आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव का विस्तार करने के लिए साल 2013 में 'बेल्ट एंड रोड' को लॉन्च किया था. इस प्रोजेक्ट को कई बुनियादी ढांचा योजनाओं के साथ विश्व स्तर पर अपने माल को वितरित करने में मदद के रूप में देखा जाता है.
चीन इस विशाल निवेश परियोजना के किसी भी गुप्त उद्देश्य से इनकार करता रहा है लेकिन आलोचकों का तर्क है कि चीन इस योजना से उत्पन्न वित्तीय लाभ का उपयोग अपने दबदबे को बढ़ाने के लिए करता है, जिसे वे 'ऋण-जाल कूटनीति' कहते हैं.
जो बाइडेन ने सुझाए 'दो राज्य समाधान', कहा- इजरायल के साथ फिलीस्तीनी राज्य बनाना "एकमात्र उत्तर"
व्हाइट हाउस ने कहा कि G7 पहल समान रूप से वैश्विक होगी. यह अनुमान लगाते हुए कि विकासशील दुनिया को बुनियादी ढांचे में 40 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की जरूरत है, यह अंतर जो कोविड-19 महामारी की वजह से खत्म हो गया है.
उन्होंने कहा कि B3W आने वाले वर्षों में निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए सामूहिक रूप से सैकड़ों अरबों डॉलर के बुनियादी ढांचे के निवेश को उत्प्रेरित करेगा. वित्त पोषण पर्यावरण और जलवायु, श्रम सुरक्षा उपायों, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के विरोध पर यह जोर देगा और यह चीन के अपारदर्शी वित्त पोषण के विपरीत है. व्हाइट हाउस ने कहा कि रविवार को G7 शिखर सम्मेलन की अंतिम विज्ञप्ति में इस बारे में और जानकारी दी जाएगी.
बताते चलें कि इटली BRI पर हस्ताक्षर करने वाला पहला सदस्य राष्ट्र था, जिसने वॉशिंगटन और साथ ही अधिकांश यूरोपीय संघ को नाराज कर दिया था. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने साल 2019 में यूरोप के दौरे पर इटली का दौरा किया था, जिसमें इटली के बेल्ट एंड रोड पर औपचारिक हस्ताक्षर, जिनपिंग की यात्रा का केंद्र बिंदु था.
VIDEO: चीन है भारत पर साइबर हमला करने में सक्षम : जनरल बिपिन रावत
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं