भारत की राजधानी नई दिल्ली में दो दिन तक चले जी-20 शिखर सम्मेलन का समापन का रविवार को समापन हो गया. दुनिया के कई प्रमुख देशों के नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि जी20 के अधिकांश देशों ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा की है. इससे यह साफ हो गया कि जी 20 के अधिकतर देशों ने रूस को अलग-थलग कर दिया. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने जी20 नेताओं द्वारा जारी बयान के एक एक दिन बाद रविवार दोपहर कहा कि यह सर्वसम्मति से शत प्रतिशत घोषणा थी.
"भारत ने जी20 अध्यक्ष के रूप में बेहतर प्रदर्शन किया है"
रविवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए मैक्रों ने सीधे शब्दों में कहा कि रूस अभी भी युद्ध लड़ रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि "जी20 यूक्रेन में न्यायसंगत और स्थायी शांति के लिए प्रतिबद्ध. मैक्रॉन ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को उनके "शांति के शब्दों" के लिए भी धन्यवाद दिया. फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि मौजूदा विभाजित माहौल को ध्यान में रखते हुए, भारत ने जी20 अध्यक्ष के रूप में बेहतर प्रदर्शन किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ रक्षा सहयोग को और विकसित करेंगे.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सहित वैश्विक निकायों में सुधारों पर नए सिरे से जोर दिया और कहा कि दुनिया की ‘‘नयी वास्तविकताएं'' ‘‘नयी वैश्विक संरचना'' में प्रतिबिंबित होनी चाहिए क्योंकि यह प्रकृति का नियम है कि जो नहीं बदलते हैं समय के साथ उनकी प्रासंगिकता खत्म हो जाती है. जी20 शिखर सम्मेलन के ‘एक भविष्य' सत्र में बदलाव की जरूरत वाले निकाय के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का हवाला देते हुए मोदी ने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि दुनिया को बेहतर भविष्य की ओर ले जाने के लिए वैश्विक निकायों को आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना चाहिए.''
मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ दोपहर के भोजन के समय बहुत ही सार्थक बैठक हुई. हमने कई विषयों पर चर्चा की और यह सुनिश्चित करने के लिए तत्पर हैं कि भारत-फ्रांस संबंध प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएं.
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