ब्रिटेन में अभिनेत्री कंगना रनौत की नई फिल्म 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग में बाधा डाली जा रही है. यह फिल्म सन 1975 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल पर आधारित है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह इस मामले में ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ संपर्क में है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि, "हमने रिपोर्ट देखी है कि कैसे कई हालों में फिल्म 'इमरजेंसी' के प्रदर्शन को रोका जा रहा है. हम लगातार भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक विरोध और धमकी की घटनाओं के बारे में यूके के समक्ष चिंता व्यक्त कर चुके हैं... भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता है."
ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थकों की ओर से फिल्म 'इमरजेंसी' के प्रदर्शन का विरोध किया जा रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता है और इसमें बाधा डालने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. हमें उम्मीद है कि ब्रिटेन पक्ष जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा. लंदन में हमारा उच्चायोग हमारे समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा और लाभ के लिए नियमित रूप से उनके संपर्क में है."
#WATCH | Delhi: MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "We have also seen several reports on how the film, 'Emergency', which was being screened in several halls was being obstructed. We consistently raise concerns with the UK Government regarding incidents of violent protest and… pic.twitter.com/UULvcx3QLP
— ANI (@ANI) January 24, 2025
थिएटर में घुसे खालिस्तानी
रिपोर्टों में कहा गया है कि उत्तर-पश्चिम लंदन में लोगों को "नकाबपोश खालिस्तानी आतंकवादियों" द्वारा धमकाया गया था. वे एक थिएटर में घुस गए थे, जहां कंगना रनौत की नई फिल्म प्रदर्शित हो रही थी.
कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा, "रविवार को मेरे निर्वाचन क्षेत्र के कई लोग हैरो व्यू सिनेमा में 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग के लिए एकत्रित हुए और टिकट लिए. लगभग 30 या 40 मिनट के बाद नकाबपोश खालिस्तानी आतंकवादी घुस आए, दर्शकों को धमकाया और स्क्रीनिंग को जबरन रुकवा दिया."
इस "बहुत विवादास्पद" फिल्म की स्क्रीनिंग में इसी तरह की रुकावटें वोल्वरहैम्पटन, बर्मिंघम और मैनचेस्टर में भी आई थीं. इसके कारण कम से कम दो मूवी थिएटर चेन को फिल्म को वापस लेना पड़ा.
लोगों के अधिकार का बचाव
ब्लैकमैन ने कहा, "फिल्म बहुत विवादास्पद है, और मैं इसकी गुणवत्ता या विषय-वस्तु पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं... लेकिन मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों और अन्य सदस्यों के निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के अधिकार का बचाव करता हूं कि वे इसे देख सकें और इस पर निर्णय ले सकें. यह उस समय की कहानी है जब इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं."
रिपोर्टों के अनुसार, सिख प्रेस एसोसिएशन जैसे कुछ ब्रिटिश सिख समूहों ने इस फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित किए थे. उनका कहना था कि यह "सिख विरोधी" फिल्म है और इसी कारण उक्त शहरों में शो रोके गए.
भारत में सेंसर बोर्ड द्वारा कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को पास करने पर सिख संगठनों ने आपत्ति जताई थी. संगठनों ने फिल्म के निर्माताओं, जिनमें कंगना रनौत भी शामिल हैं, पर सिख समुदाय को गलत तरीके से पेश करने और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया था.
अदालत में लंबी बहस के बाद रिलीज हुई फिल्म
इन प्रतिक्रियाओं पर सरकारी सूत्रों ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि "इसमें कुछ संवेदनशील विषय-वस्तु है" और धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती है.
सेंसर बोर्ड और न्यायालयों के बीच महीनों तक चली बहस के बाद, फिल्म को नवंबर के मध्य में मंजूरी दे दी गई. फिल्म में तीन कट लगाने, कुछ विवादास्पद संवादों के लिए स्रोत का जिक्र करने के बाद 17 जनवरी को फिल्म रिलीज की गई.
(इनपुट एजेंसियों से)
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