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This Article is From May 05, 2022

India की 'परमाणु ताकत बढ़ाने में' France देगा साथ, भारत को "Veto Power" मिलने का भी किया समर्थन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और फ्रांस (France) के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emanuel Macron) ने द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा की और दोनों नेता भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी (India-France Strategic Partnership) के अगले चरण के लिए महत्वाकांक्षी एजेंडा तैयार करने पर सहमत हुए.

India की 'परमाणु ताकत बढ़ाने में' France देगा साथ, भारत को "Veto Power" मिलने का भी किया समर्थन
PM Modi यूरोप यात्रा के आखिरी पड़ाव में France पहुंच कर राष्ट्रपति मैक्रों से मिले
पेरिस:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)  की फ्रांस यात्रा (France Visit) के दौरान फ्रांस ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह, (NSG ) में भी भारत को शामिल करने को लेकर अपना समर्थन दोहराया. NSG में शामिल होने से भारत की परमाणु शक्ति तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. साथ ही भारत और फ्रांस (India-France) G20 के मसौदे के तहत मजबूत सहयोग बनाए रखने पर सहमत हुए हैं.भारत ने कहा है कि वह NSG में शामिल होने के अपने प्रयासों को किसी निर्णय तक पहुंचाने के लिए सदस्य देशों के साथ बातचीत कर रहा है.

एनएसजी में 48 देश हैं जो परमाणु प्रौद्योगिकी और आण्विक सामग्री के व्यापार एवं स्थानांतरण को नियंत्रित करने के साथ साथ परमाणु हथियारों के अप्रसार में भी सहयोग करते हैं. चीन (China) एनएसजी में भारत के शामिल होने का विरोध करता है. उसका तर्क है कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. चीन के विरोध ने भारत के समूह में शामिल होने की राह को कठिन बना दिया है क्योंकि एनएसजी सहमति के सिद्धांत पर चलता है.

इसके अलावा,  फ्रांस (France) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार और उसमें भारत (India) की स्थाई सदस्यता संबंधी प्रयास का समर्थन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में यह जानकारी दी गई.

 भारत लंबे वक्त से सुरक्षा परिषद में सुधार करने की मांग कर रहा है और उसका कहना है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हकदार है. सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी हैं. विश्व निकाय में दस अस्थाई सदस्य हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा दो वर्ष के लिए चुनती है.  रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस तथा अमेरिका इसके स्थायी सदस्य हैं. इन स्थाई देशों के पास ही वीटो ( Veto Power) की शक्ति होती है, जो किसी भी फैसले को होने देने या ना होने देने की शक्ति होती है.  बुधवार को जारी एक संयुक्त बयान में

गौरतलब है कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा की और दोनों नेता भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के अगले चरण के लिए महत्वाकांक्षी एजेंडा तैयार करने पर सहमत हुए.

प्रधानमंत्री मोदी यूरोप के तीन देशों की यात्रा के आखिरी पड़ाव पर डेनमार्क से बुधवार को पेरिस पहुंचे और उन्होंने मैक्रों के साथ अनेक मुद्दों पर गहन वार्ता की. मैक्रों एक सप्ताह पहले ही इस पद पर दोबारा निर्वाचित हुए हैं.

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