पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ भारत की मुहिम रंग ला रही है. चीन की वजह से भले ही मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बच गया हो, मगर फ्रांस ने बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की है. फ्रांस ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन करते हुए कहा है कि वह उसकी सारी संपत्तियां जब्त करेगी. फ्रांस ने कहा कि आतंकवाद के साथ लड़ाई में वह हमेशा भारत के साथ है. 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. जिसकी बाद में इसी आतंकी संगठन ने जिम्मेदारी ली थी. भारत ने जवाब में सीमा पार घुसकर बालाकोट में एयर स्ट्राइक करते हुए जैश के आतंकी कैंपों को तबाह किया था.
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चीन की करतूत से नाराज हुआ अमेरिका
जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) को 'वैश्विक आतंकी' घोषित होने से बचाने के लिए चीन (China) द्वारा वीटो लगाने के कुछ घंटे बाद अमेरिका (US) ने चेतावनी दी है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिकी राजनयिक ने चेतावनी देते हुए कहा कि इससे दूसरे सदस्यों को 'अन्य एक्शन लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.' यह अमेरिका की तरफ से एक कड़ा मैसेज है, जिसमें राजयनिक कहते हैं कि 'अगर बीजिंग आतंकवाद से लड़ने के लिए गंभीर है तो उसे पाकिस्तान और अन्य देशों के आतंकियों का बचाव नहीं करना चाहिए.'राजनयिक ने कहा, 'यह चौथी बार है कि चीन ने ऐसा किया है. चीन को समिति को वह कार्य करने से नहीं रोकना चाहिए, जिसे सुरक्षा परिषद ने करने के लिए सौंपा है. अगर चीन अड़ंगा लगाता रहा तो जिम्मेदार सदस्यों देशों के सुरक्षा परिषद में अन्य एक्शन लेने पर मजबूर होने पड़ेगा. ऐसा नहीं होना चाहिए.'
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बता दें, एक बार फिर जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर वैश्विक आतंकवादी घोषित होने से बच गया. चीन ने भारत की कोशिश को झटका देते हुए प्रस्ताव में रोड़े अटका दिए. चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘‘1267 अल कायदा सैंक्शन्स कमेटी'' के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने लाया था.
14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई थी. इस हमले की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा हो गया था. कमेटी के सदस्यों के पास प्रस्ताव पर आपत्ति जताने के लिए 10 कार्य दिन का वक्त था. यह अवधि बुधवार को (न्यूयॉर्क के) स्थानीय समय दोपहर तीन बजे (भारतीय समयनुसार बृहस्पतिवार रात साढ़े 12 बजे) खत्म होनी थी
संयुक्त राष्ट्र में एक राजनयिक ने बताया कि समयसीमा खत्म होने से ठीक पहले चीन ने प्रस्ताव पर ‘तकनीकी रोक' लगा दी. राजनयिक ने कहा कि चीन ने प्रस्ताव की पड़ताल करने के लिए और वक्त मांगा है.यह तकनीकी रोक छह महीनों के लिए वैध है और इसे आगे तीन महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है.
वीडियो- प्राइम टाइम: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पर अड़ंगा
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