डकार:
सेनेगल की राजधानी डकार में अफ्रीकी संघ द्वारा स्थापित एक विशेष अदालत ने चाड के पूर्व राष्ट्रपति हिसेन हाब्रे को युद्ध अपराधों में संलिप्तता के लिए सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने हाब्रे को दुष्कर्म, यौन दास बनाने, आत्महत्या के लिए उकसाने, व्यापक तौर पर मानव तस्करी, अपहरण, उत्पीड़न तथा युद्ध अपराधों में दोषी पाया। उन्हें मानवता के खिलाफ अपराध करने का दोषी पाया गया है।
चाड के पूर्व राष्ट्रपति के पास फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 15 दिनों का वक्त है। मामले की सुनवाई 20 जुलाई, 2015 को अफ्रीकन स्पेशल कोर्ट में शुरू हुई थी, जो 56 दिनों तक चली। इस दौरान 93 गवाहों से जिरह की गई।
अफ्रीकन स्पेशल कोर्ट की स्थापना अफ्रीकी संघ ने की है, जिसके अधिकार क्षेत्र को हाब्रे ने चुनौती दी थी। अपनी अर्जी में अदालत के अभियोजक सेनेगल के एंबे फाल ने जस्टिस से चाड के पूर्व राष्ट्रपति को आजीवन कारावास की सजा देने का आग्रह किया था। उन्होंने हाब्रे की संपत्ति को जब्त करने का आदेश देने का भी अदालत से आग्रह किया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
अदालत ने हाब्रे को दुष्कर्म, यौन दास बनाने, आत्महत्या के लिए उकसाने, व्यापक तौर पर मानव तस्करी, अपहरण, उत्पीड़न तथा युद्ध अपराधों में दोषी पाया। उन्हें मानवता के खिलाफ अपराध करने का दोषी पाया गया है।
चाड के पूर्व राष्ट्रपति के पास फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 15 दिनों का वक्त है। मामले की सुनवाई 20 जुलाई, 2015 को अफ्रीकन स्पेशल कोर्ट में शुरू हुई थी, जो 56 दिनों तक चली। इस दौरान 93 गवाहों से जिरह की गई।
अफ्रीकन स्पेशल कोर्ट की स्थापना अफ्रीकी संघ ने की है, जिसके अधिकार क्षेत्र को हाब्रे ने चुनौती दी थी। अपनी अर्जी में अदालत के अभियोजक सेनेगल के एंबे फाल ने जस्टिस से चाड के पूर्व राष्ट्रपति को आजीवन कारावास की सजा देने का आग्रह किया था। उन्होंने हाब्रे की संपत्ति को जब्त करने का आदेश देने का भी अदालत से आग्रह किया।
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