अमेरिकी कारोबारियों को भारत में निवेश के लिए आकषिर्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि इस संबंध में पहले की तरह फाइलों और फॉर्म के चक्कर में नहीं पड़ना पड़ेगा और अब यह प्रक्रिया आसान हो गई है।
यहां काउंसिल ऑन फॉरन रिलेशन्स में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारत की लालफीताशाही पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'हिंदुओं में मान्यता है कि चार धाम की यात्रा करने से मोक्ष मिल जाता है लेकिन हमारे यहां फाइलें 32 धामों की यात्रा भी कर लें तो भी उन्हें मोक्ष नहीं मिलता।'
लोगों के ठहाकों के बीच उन्होंने कहा कि फाइलों के मोक्ष के लिए 'मैंने प्रक्रिया बदल दी है। केवल एक पेज का फॉर्म भरना होगा। पहले की तरह 10-12 फॉर्म नहीं और न ही दोबारा कोई कागजात मांगे जाएंगे।'
उन्होंने कहा कि ताला कितना भी बड़ा क्यों न हो, छोटी सी चाबी से खुल जाता है और इसी लिहाज से वह पूरी व्यवस्था को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
मोदी ने कहा कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए वह 'टीम इंडिया' की अवधारणा को भी आगे बढ़ा रहे हैं। उनकी इच्छा है कि इस मामले में केंद्र और राज्य मिलकर काम करें। क्योंकि बाहर से आने वाली निवेशकों की कोई भी टीम केंद्र के पास आएगी, लेकिन निवेश वह राज्यों में करेगी। इसलिए राज्यों और केंद्र को इस मामले में टीम इंडिया के रूप में काम करना होगा।
निवेशकों को उन्होंने विश्वास दिलाया कि इस संदर्भ में भारत में श्रम कानून भी बदले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में श्रम कानून बदलना इतना आसान नहीं है लेकिन जनता ने जो जनादेश दिया है, उसके आधार पर मुझे देश को आगे ले जाना है और इसलिए श्रम कानून बदलने की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रम कानून बदलने से अंतत: सब को लाभ ही होगा।
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