"पचास वर्ष पहले यूरोप में यात्रा करते हुए लगातार 120 घंटे तक भूख सही थी" : नारायण मूर्ति

नारायण मूर्ति ने कहा कि 50 साल पहले "मैंने यूरोप में यात्रा करते हुए 120 घंटे लगातार भूख सही थी. यह निश नामक स्थान की बात है जो बुल्गारिया और तत्कालीन यूगोस्लाविया और आज के सर्बिया के बीच सीमा पर स्थित एक शहर है."

फाइल फोटो

इंफोसिस के संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने बताया कि वह 50 साल पहले जब यूरोप में यात्रा कर रहे थे तो 120 घंटे तक लगातार उन्होंने 'भूख' महसूस की. नारायण मूर्ति (77) मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे जिसका विषय 'खाद्य सुरक्षा में उपलब्धियां: सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में भारत के प्रयास' था.

भारतीय गैर सरकारी संगठन 'अक्षय पात्र फाउंडेशन' द्वारा चार अरबवां भोजन परोसे जाने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में खाद्य सुरक्षा और पोषण में भारत की नवोन्मेषी रणनीतियों, नीतियों और उपलब्धियों तथा एसडीजी, विशेष रूप से 'शून्य भूख' के लक्ष्य के साथ उनके संयोजन को दर्शाया गया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के राजनयिकों, अधिकारियों, शिक्षाविदों, सामाजिक संगठनों और भारतवंशी समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, "आपमें से कई ने भूख को नहीं सहा होगा. मैंने किया है."

नारायण मूर्ति ने कहा कि 50 साल पहले "मैंने यूरोप में यात्रा करते हुए 120 घंटे लगातार भूख सही थी. यह निश नामक स्थान की बात है जो बुल्गारिया और तत्कालीन यूगोस्लाविया और आज के सर्बिया के बीच सीमा पर स्थित एक शहर है."

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

उन्होंने कहा, "यहां अधिकतर भारतीयों और मुझे भारत सरकार से अच्छी गुणवत्ता वाली और अत्यधिक सब्सिडी वाली शिक्षा प्राप्त हुई है. इसलिए, सभ्य लोगों के रूप में, हमें अपने राष्ट्र के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए और इन असहाय, गरीब बच्चों की भावी पीढ़ी को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए."



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)