
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कड़े आलोचक जॉन बोल्टन के यहां एफबीआई ने तलाशी अभियान चलाया.
- बोल्टन ट्रंप के पहले कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे. अब टैरिफ को लेकर उन्हें घेर रहे थे.
- यह छापेमारी एफबीआई के भारतीय मूल के डायरेक्टर काश पटेल के सीधे निर्देश पर की गई.
जॉन बोल्टन. वो शख्स, जिसने कभी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहते हुए उनकी नीतियों का समर्थन किया, फिर बाद में उन्हीं के खिलाफ तलवार खींच ली और मुखर आलोचक बन गए. भारत पर भारी भरकम टैरिफ लगाए जाने के सबसे तीखे आलोचकों में से एक जॉन बोल्टन पर ट्रंप की एफबीआई ने शिकंजा कस दिया है. बोल्टन के घर और दफ्तर पर शुक्रवार को एफबीआई ने छापेमारी की है.
बोल्टन के घर एफबीआई का छापा
एफबीआई के अधिकारी सुबह सबेरे 7 बजे जॉन बोल्टन के मैरीलैंड स्थित बेथेस्डा स्थित घर पहुंचे और कार्रवाई शुरू कर दी. यह छापेमारी एफबीआई के भारतीय मूल के डायरेक्टर काश पटेल के सीधे निर्देश पर की गई. छापेमारी के कुछ देर बाद ही काश पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- कोई भी कानून से ऊपर नहीं है... एफबीआई एजेंट अपने मिशन पर हैं. काश पटेल को ट्रंप का बेहद करीबी माना जाता है.
ये छापेमारी किस सिलसिले में की गई है, ये आधिकारिक तौर पर अभी नहीं बताया गया है. लेकिन घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले शख्स के हवाले से मीडिया में आई खबरों में बताया गया है कि यह मामला गोपनीय दस्तावेजों के गलत इस्तेमाल के आरोप से जुड़ा है.
कौन हैं जॉन बोल्टन?
- जॉन बोल्टन का पूरा नाम जॉन रॉबर्ट बोल्टन हैं.
- येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई की.
- 2018-19 के बीच राष्ट्रपति ट्रंप के 17 महीने तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे.
- जॉर्ज बुश के दौर में 2005-06 में वह संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत रहे.
- बुश के दौर में उन्होंने कई और अहम भूमिकाएं संभाली थीं.
- जॉन बोल्टन सहायक अटॉर्नी जनरल भी रह चुके हैं.
बोल्टन से इतने खफा क्यों हैं ट्रंप?
जॉन बोल्टन को विदेश मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है. ट्रंप सरकार में रहते हुए उनकी राष्ट्रपति से ईरान, उत्तर कोरिया, अफगानिस्तान जैसे कई मसलों पर उनके मतभेद भी चर्चा में रहे थे. जॉन बोल्टन ने एक किताब लिखी थी, जिसे ट्रंप प्रशासन ने ये कहकर रुकवाने का प्रयास किया था कि इसमें गोपनीय जानकारियां हैं.
इस किताब को लेकर बोल्टन के खिलाफ मुकदमा भी चलाया गया, लेकिन 2021 में केस बंद कर दिया गया. बोल्टन की किताब The Room Where it Happened में लिखा था कि ट्रंप को विदेश नीति की बिल्कुल भी जानकारी नहीं है. उन्हें खुद नहीं पता वह व्हाइट हाउस को कैसे चला रहे हैं. उन्होंने व्हाइट हाउस में साजिशें रचे जाने का भी आरोप लगाया था.
इस पर ट्रंप ने बोल्टन को युद्ध करवाने पर उतारू लिए सनकी करार दिया था और कहा था कि उनकी चले तो वह छठा विश्व युद्ध करा दें. ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति बनते ही बोल्टन की सुरक्षा रद्द कर दी थी. कथित तौर पर यह जानते हुए कि ईरान उन्हें मारने की साजिश रच रहा है.
भारत पर टैरिफ के तीखी आलोचक
ट्रंप के हालिया टैरिफ को लेकर बोल्टन तीखी आलोचनाएं कर रहे थे. उन्होंने ट्रंप को रास्ते से भटका हुआ राष्ट्रपति तक करार दिया था. ट्रंप सरकार पर भारत से भेदभाव के आरोप लगाए थे और कहा था कि रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदने वाले चीन को बख्शा जा रहा है, जबकि भारत को निशाना बनाया जा रहा है. इससे द्विपक्षीय संबंध बेहद बुरे दौर में पहुंच गए हैं. यह ट्रंप सरकार की एक बड़ी भूल साबित हो सकती है.
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