राहत कार्य में लगे लगभग 800 कर्मियों ने अपना कार्य पूरा कर लिया है
बीजिंग:
चीन के पूर्वी तटीय झेजियांग प्रांत में ढहे चार मकानों के मलबे से एक नन्ही निकाली गई, जो अपने पिता के सीने से लिपटी हुई थी. मकान के मलबे से तीन की इस बच्ची के जीवित मिलने को कई लोग चमत्कार की तरह देख रहे हैं. इस हादसे में मरने वालों की संख्या 22 तक पहुंच गई है. वहीं राहत कार्य में लगे लगभग 800 कर्मियों ने अपना कार्य पूरा कर लिया है.
शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार वेंझू के लुचेंग औद्योगिक जिले में मलबे से 28 लोगों को निकाला गया. रिपोर्ट में कहा गया कि दो और शव बरामद किए गए जिससे मरने वालों की संख्या 22 हो गई है.
इसमें कहा गया कि जीवित मिले लोगों में से छह को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बचने वालों में तीन साल की एक बच्ची भी शामिल है जो हादसे में मरे अपने माता-पिता के शवों के बीच सुरक्षित थी.
सरकारी समाचार चैनल सीसीटीवी ने कहा, छह मंजिला चार इमारतों के मलबे से यह बच्ची 12 घंटों बाद निकाली गई.' इसमें साथ ही बताया गया कि मृत पिता के सीने से लिपटी वु निंगसी नाम की इस बच्ची को बेहद मामूली चोटें आई हैं. ऐसा लगता है कि पिता ने गिरते मलबे से उसे बचाने के लिए अपने सीने में समेट लिया था.
इस हादसे के कारणों की जांच जारी है. राहतकर्मियों ने बताया कि जो मकान ढहे हैं, उनका निर्माण ग्रामीणों ने किया था.
ध्वस्त मकानों के पास पांच और मकान हैं जो 1970 के दशक में बनाए गए थे. ये मकान क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं, लेकिन किसी अन्य हादसे से बचने के लिए राहमकर्मी इन मकानों को गिराने में लगे हैं.
चीन में हाल के वर्षों में निर्माण की खराब गुणवत्ता के कारण अनेक मकान ढह चुके हैं जिनमें कई लोगों की जान गई है.
शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार वेंझू के लुचेंग औद्योगिक जिले में मलबे से 28 लोगों को निकाला गया. रिपोर्ट में कहा गया कि दो और शव बरामद किए गए जिससे मरने वालों की संख्या 22 हो गई है.
इसमें कहा गया कि जीवित मिले लोगों में से छह को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बचने वालों में तीन साल की एक बच्ची भी शामिल है जो हादसे में मरे अपने माता-पिता के शवों के बीच सुरक्षित थी.
सरकारी समाचार चैनल सीसीटीवी ने कहा, छह मंजिला चार इमारतों के मलबे से यह बच्ची 12 घंटों बाद निकाली गई.' इसमें साथ ही बताया गया कि मृत पिता के सीने से लिपटी वु निंगसी नाम की इस बच्ची को बेहद मामूली चोटें आई हैं. ऐसा लगता है कि पिता ने गिरते मलबे से उसे बचाने के लिए अपने सीने में समेट लिया था.
इस हादसे के कारणों की जांच जारी है. राहतकर्मियों ने बताया कि जो मकान ढहे हैं, उनका निर्माण ग्रामीणों ने किया था.
ध्वस्त मकानों के पास पांच और मकान हैं जो 1970 के दशक में बनाए गए थे. ये मकान क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं, लेकिन किसी अन्य हादसे से बचने के लिए राहमकर्मी इन मकानों को गिराने में लगे हैं.
चीन में हाल के वर्षों में निर्माण की खराब गुणवत्ता के कारण अनेक मकान ढह चुके हैं जिनमें कई लोगों की जान गई है.
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