मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन
माले:
मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने आज देश में 15 दिन के लिये आपातकाल लगा दिया. यह कदम देश में गहराते राजनैतिक संकट के बीच उठाया गया है. यामीन के सहायक अजीमा शुकूर ने इसकी घोषणा की. यह कदम सुरक्षा बलों को संदिग्धों को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने की असीम शक्ति प्रदान करता है. भारत ने मालदीव के संकट पर चिंता व्यक्त की है और लोगों से कहा है कि जरूरी ना हो तो वहां की यात्रा पर ना जाएं.
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यह घोषणा उच्चतम न्यायालय और सरकार के बीच गहराते गतिरोध के बीच की गई है. बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव और चिंताओं के बावजूद राष्ट्रपति यामीन ने राजनैतिक कैदियों को रिहा करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करने से मना कर दिया है. यामीन के न्यायाधीशों को अपना फैसला पलटने के लिये तीन पत्र भेजने के तुरंत बाद शुकूर ने सरकारी टेलीविजन पर आपातकाल लगाए जाने की घोषणा की.
यह दूसरा मौका है जब यामीन ने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की है. उन्होंने इससे पहले नवंबर 2015 में आपातकाल लगाने की घोषणा की थी, जब उनकी कथित तौर पर हत्या किये जाने का प्रयास किया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति को दो दिन के भीतर आपातकाल लगाने की घोषणा के बारे में संसद को सूचित करने की आवश्यकता है, लेकिन अधिकारियों ने देश की संसद को अनिश्चितकाल के लिये निलंबित कर दिया है.
VIDEO: मालदीव्स की मुश्किलें
उच्चतम न्यायालय ने गत गुरुवार को 12 सांसदों की सदस्यता बहाल कर दी थी. ये सांसद यामीन की पार्टी से अलग होकर विपक्ष में शामिल हो गए थे. इससे 85 सदस्यीय संसद में विपक्ष का बहुमत हो गया था और राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाए जाने का खतरा मंडराने लगा था.
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यह घोषणा उच्चतम न्यायालय और सरकार के बीच गहराते गतिरोध के बीच की गई है. बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव और चिंताओं के बावजूद राष्ट्रपति यामीन ने राजनैतिक कैदियों को रिहा करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करने से मना कर दिया है. यामीन के न्यायाधीशों को अपना फैसला पलटने के लिये तीन पत्र भेजने के तुरंत बाद शुकूर ने सरकारी टेलीविजन पर आपातकाल लगाए जाने की घोषणा की.
यह दूसरा मौका है जब यामीन ने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की है. उन्होंने इससे पहले नवंबर 2015 में आपातकाल लगाने की घोषणा की थी, जब उनकी कथित तौर पर हत्या किये जाने का प्रयास किया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति को दो दिन के भीतर आपातकाल लगाने की घोषणा के बारे में संसद को सूचित करने की आवश्यकता है, लेकिन अधिकारियों ने देश की संसद को अनिश्चितकाल के लिये निलंबित कर दिया है.
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उच्चतम न्यायालय ने गत गुरुवार को 12 सांसदों की सदस्यता बहाल कर दी थी. ये सांसद यामीन की पार्टी से अलग होकर विपक्ष में शामिल हो गए थे. इससे 85 सदस्यीय संसद में विपक्ष का बहुमत हो गया था और राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाए जाने का खतरा मंडराने लगा था.
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