काहिरा:
मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को सत्ता से बेदखल करने के लिए आंदोलनकारियों ने मंगलवार को राजधानी काहिरा में विशाल मार्च निकालने की तैयारियां शुरू कर दी हैं, वहीं सेना ने नागरिकों के खिलाफ बल प्रयोग करने से इनकार कर दिया है। मिस्र में 30 वर्षों से सत्ता पर काबिज मुबारक को हटाने को लेकर आंदोलन कर रहे लोगों का विरोध प्रदर्शन लगातार आठवें दिन मंगलवार को भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों को उस समय राहत मिली जब सेना ने कहा कि मिस्र के सभी नागरिकों को शांतिपूर्ण तरीके से 'अभिव्यक्ति की स्वंत्रता का अधिकार' है। समाचार चैनल अल जजीरा के मुताबिक सेना ने एक बयान जारी कर कहा, "मिस्र के नागरिकों, आपके सुरक्षाबल इस बात से भली भांति परिचित हैं कि विरोध करना आपका अधिकार है और हम मिस्र के नागरिकों के खिलाफ बल प्रयोग नहीं करेंगे।" सेना का यह बयान मिस्र के नागरिकों द्वारा निकाले जाने वाले मार्च से ठीक एक दिन पहले आया। मीडिया रपटों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने एलेक्जेंड्रिया में भी मार्च निकालने की योजना बनाई है। देश में रेल सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मिस्र के राष्ट्रपति ने नवनियुक्त उप राष्ट्रपति उमर सुलेमान को विपक्ष से बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंपी है। उप राष्ट्रपति उमर सुलेमान ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति ने उन्हें विपक्ष के साथ तत्काल बातचीत शुरू करने के लिए कहा है। सुलेमान के मुताबिक राष्ट्रपति ने पिछले साल हुए संसदीय चुनावों के परिणाम में सुधार करने के अदालती आदेश को क्रियान्वित करने पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले नवम्बर में हुए चुनाव के बाद सामने आए कुछ विवादित सीटों की समीक्षा की जाएगी। भारी पैमाने पर धांधली के आरोपों के बीच चुनावों में सत्ताधारी नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) ने भारी जीत हासिल की थी। मिस्र में जारी विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए पूर्व खुफिया प्रमुख सुलेमान को शुक्रवार को देश का उपराष्ट्रपति नियुक्त किया गया था। उधर, प्रदर्शनकारियों ने मुबारक के नए मंत्रिमंडल को स्वीकार करने से इंकार कर दिया है। प्रमुख सुधारवादी नेता मोहम्मद अल बरदई के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को मुबारक के खिलाफ मार्च निकालने की योजना बनाई है। समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक मिस्र में जारी हिंसा में अभी तक कम से कम 150 लोगों की मौत हुई है। काहिरा के तहरीर स्क्वेयर में मंगलवार को हजारों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। उनका कहना है कि जब तक मुबारक अपने पद से इस्तीफा नहीं दे देते तब तक वे प्रदर्शन को वापस नहीं लेंगे। अधिकारियों और मीडिया रपटों के मुताबिक सरकार मंगलवार के मार्च को देखते हुए देश में मोबाइल सेवाओं पर रोक लगाने का विचार कर रही है। देश में गुरुवार से ही इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं।
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