प्रतीकात्मक चित्र
काहिरा:
मिस्र की एक अदालत ने 188 लोगों को मौत की सजा सुनाई है। हालांकि, इस सजा पर देश की शीर्ष धार्मिक संस्था 'ग्रैंड मुफ्ती' की मुहर लगनी बाकी है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना के बावजूद अदालत ने इतने बड़े पैमाने पर लोगों को मौत की सजा सुनाई है। जिन 188 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई, उन पर पिछले साल केरदासा में 11 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोप है।
केरदासा काहिरा के पश्चिम में एक अशांत शहर है। उसे आतंकवादियों का गढ़ माना जाता है। हमले में पुलिसकर्मियों के शरीर को टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया था। यह सुरक्षा बलों पर अब तक का सबसे जघन्य हमला माना जाता है।
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